देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बढ़ती संख्या के बीच लंबी दूरी की यात्रा के दौरान चार्जिंग की चिंता दूर करने के लिए सरकार अब नेशनल हाईवे फॉर इलेक्ट्रिक व्हीकल (NHEV) की नई तस्वीर पेश करने जा रही है। शुरुआत दिल्ली–गुरुग्राम–जयपुर हाईवे से होगी, जहां हर 50 किमी पर हाई-टेक EV चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे, ताकि ड्राइवरों को बैटरी खत्म होने का डर न रहे।
दिल्ली–जयपुर हाईवे पर प्रस्तावित इन स्टेशनों को मिनी मॉल हब की तर्ज पर विकसित किया जाएगा, जहां सिर्फ चार्जिंग पॉइंट ही नहीं, बल्कि यात्रा से जुड़ी लगभग हर ज़रूरत एक ही जगह पूरी होगी। योजना के तहत हर स्टेशन पर फास्ट-चार्जिंग की सुविधा होगी, जिससे लगभग 30 मिनट में गाड़ी 100 से 200 किलोमीटर चलने लायक चार्ज हो सकेगी।
चार्जिंग के दौरान यात्रियों के लिए फ्री वाईफाई, साफ–सुथरे वॉशरूम, नहाने की सुविधा, रेस्ट रूम, ब्रांडेड फूड आउटलेट्स, किराने का सामान, दवाइयां, एटीएम और बच्चों के लिए रेस्ट/प्ले एरिया जैसे विकल्प उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके साथ ही EV सर्विस सेंटर और वाहन से जुड़ी जरूरी तकनीकी सेवाएं भी इन्हीं हब्स पर मिलेंगी, ताकि वाहन और यात्री दोनों “फ्रेश” होकर आगे का सफर शुरू कर सकें।
ये चार्जिंग हब 3G एनर्जी स्टेशन के रूप में विकसित किए जाएंगे, जहां बिजली खुद प्रोजेक्ट साइट पर सोलर, हवा और हाइड्रोजन के संयोजन से तैयार की जाएगी। इससे ग्रिड पर निर्भरता घटेगी और इतना पावर उपलब्ध होगा कि एक स्टेशन पर लगभग 300 कारें या 50 ट्रक तक एक साथ चार्ज किए जा सकें, साथ ही स्मार्ट सिस्टम ड्राइवर को आगे के स्टेशनों, रुकने के समय और दूरी की जानकारी भी देगा।
दिल्ली–गुरुग्राम–जयपुर का 280 किमी लंबा हाईवे सबसे व्यस्त मार्गों में से एक होने के कारण इस ई-हाईवे प्रोजेक्ट के लिए चुना गया है, जिसे आगे दिल्ली–आगरा से जोड़कर लगभग 500 किमी तक बढ़ाने की योजना है। गुरुग्राम में सेक्टर 52 (100 चार्जिंग पॉइंट) और सेक्टर 86 (121 चार्जिंग पॉइंट) पर पहले से चल रहे दो बड़े चार्जिंग स्टेशनों को भी 3G टेक्नोलॉजी के साथ अपग्रेड कर और स्मार्ट बनाया जाएगा, जहां अभी रोज 800–1000 गाड़ियां चार्ज होती हैं।
योजना के लागू होने के बाद EV कार व टैक्सी ऑपरेटर्स को हर 50 किमी पर भरोसेमंद चार्जिंग पॉइंट मिलने लगेंगे, जैसा आज पेट्रोल, डीज़ल व CNG पंप के साथ होता है। इससे इलेक्ट्रिक टैक्सियों की संख्या बढ़ने, यात्रा लागत घटने और लंबी दूरी के EV सफर को सामान्य बनाने के साथ-साथ प्रदूषण में कमी लाने की उम्मीद जताई जा रही है।