December 5, 2025
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करनाल : नगर निगम के सुगम स्वच्छता से जुड़े लगभग 300 कर्मचारी दिवाली बोनस न मिलने और अन्य मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए, जिसके कारण आज से शहर में घर-घर कूड़ा उठाने की सेवा प्रभावित हो गई है। कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें दिवाली से पहले 5000 रुपये बोनस दिए जाने का आश्वासन मिला था, लेकिन महीनों बीत जाने के बावजूद आज तक न तो पैसा मिला और न ही कोई स्पष्ट तिथि बताई गई, जबकि बाकी कच्चे–पक्के कर्मचारियों को यह राशि दी जा चुकी है।​

कर्मचारियों ने बताया कि स्वच्छता के काम में उनका योगदान सबसे ज़्यादा है, वे डोर-टू-डोर जाकर कचरा उठाते हैं, फिर भी उनके साथ “भेदभाव” जैसा व्यवहार हुआ और सिर्फ इन्हें बोनस से वंचित रखा गया। एक कर्मचारी ने कहा कि अधिकारियों से कई बार बातचीत की गई, 20–21 तारीखें दी गईं, पर हर बार सिर्फ आश्वासन मिला, किसी निश्चित दिन का वादा नहीं किया गया, जिसे वे अपने सम्मान के साथ “अपमान” के रूप में देख रहे हैं।​

कर्मचारियों की दूसरी प्रमुख मांग सही जॉइनिंग लेटर की है, उनका कहना है कि उन्हें सिर्फ “नियुक्ति पत्र” जैसा एक कागज़ थमा दिया गया है, जिसमें कुछ शर्तें लिखी हैं लेकिन न कंपनी का नाम स्पष्ट है, न मोहर, और न ही वैधानिक जॉब सिक्योरिटी की स्पष्टीकरण। उनका आरोप है कि मौजूदा स्थिति में उन्हें जब चाहें हटा दिया जाता है, जब चाहें रख लिया जाता है और ओवरटाइम या नौकरी की स्थिरता जैसी किसी सुविधा की गारंटी नहीं है।​

वेतन और ड्यूटी ऑवर्स को लेकर भी कर्मचारियों में नाराज़गी है, उन्होंने कहा कि वे हेल्पर के तौर पर लगभग 9000–11000 रुपये में काम कर रहे हैं, जबकि काम का दबाव और समय दोनों ज्यादा हैं। कर्मचारी नेताओं ने आरोप लगाया कि नियुक्ति पत्र में 7 से 5 बजे तक लगभग 9–10 घंटे की ड्यूटी लिखी है, जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार 8 घंटे से अधिक ड्यूटी नहीं ली जानी चाहिए, इसके बावजूद उनसे “फालतू काम” और अतिरिक्त समय की अपेक्षा की जाती है और कोई ओवरटाइम नहीं मिलता।​

कई कर्मचारियों ने यह भी बताया कि कूड़ा उठाने के दौरान स्थानीय स्तर पर लोगों की बदतमीज़ी, अनुचित कमेंट्स और अपमानजनक व्यवहार भी उन्हें सहना पड़ता है, फिर भी वे अपने काम को जारी रखते हैं। उनका कहना है कि सुबह-सुबह अपने छोटे बच्चों को घर पर छोड़कर वे शहर की सफाई के लिए निकलते हैं, लेकिन बदले में न सम्मान मिलता है, न समय पर वेतन–बोनस और न ही नौकरी की सुरक्षा, जिससे वे मजबूर होकर हड़ताल पर उतरे हैं।​

हड़ताली कर्मचारियों ने नारे लगाकर अपनी एकजुटता दिखाई—“आवाज़ दो, हम एक हैं” और “हमारी मांगे पूरी करो”—और साफ कहा कि यह सिर्फ एक दिन की प्रतीकात्मक हड़ताल नहीं है बल्कि मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रखेंगे। वे बोनस के साथ-साथ ड्यूटी समय को 8 घंटे तक सीमित करने, वेतन बढ़ाने और स्पष्ट जॉब सिक्योरिटी की मांग कर रहे हैं, ताकि भविष्य में उन्हें मनमाने ढंग से हटाया न जा सके।​

वीडियो में नगर निगम परिसर में खड़ी कूड़ा उठाने वाली गाड़ियां (कलेक्शन व्हीकल) बंद खड़ी दिखाई देती हैं, जिनके पहिए हड़ताल के कारण थम गए हैं। एंकर ने चेतावनी दी कि हड़ताल जारी रहने पर शहर की गली-मोहल्लों में रोज़ाना होने वाली सफाई और कचरा उठाने की प्रक्रिया रुक जाएगी, जिससे आम जनता को स्वच्छता और स्वास्थ्य के स्तर पर परेशानी झेलनी पड़ सकती है, जब तक कि प्रशासन और कर्मचारी मिलकर कोई समाधान नहीं निकाल लेते।​

कर्मचारियों ने प्रशासन से अपील की कि नगर निगम को जो अवार्ड और बोनस राशि राज्य स्तर से मिली है, उसमें से उनका हक़ तुरंत दिया जाए और उन्हें “दूसरे कर्मचारियों से अलग” न रखा जाए। उनका कहना है कि समय पर बोनस, उचित वेतन, निर्धारित ड्यूटी ऑवर्स और पक्का जॉइनिंग लेटर मिल जाए तो वे तुरंत हड़ताल समाप्त कर फिर से शहर की सफाई व्यवस्था में पहले की तरह जुटने को तैयार हैं।

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