December 5, 2025
27 Nov 13
  • राणा गैंग के अमर सिंह उर्फ मूंछ से Glock पिस्तौल, 2 ग्रेनेड और 1.5 किलो आरडीएक्स वाला IED बरामद।​

  • करनाल हाईवे किनारे झाड़ियों में दबे IED व ग्रेनेड को बम स्क्वाड ने नियंत्रित धमाके से नष्ट किया।​

  • आरोपी पर पहले से 10 केस, जिनमें 2 मर्डर, किडनैपिंग फॉर रैंसम व डकैती; अब Arms Act व UAPA में केस दर्ज, 6 दिन का रिमांड।​

  • एसटीएफ का दावा: सिर्फ नाम के इनपुट से गैंगस्टर तक पहुंचकर संभावित बड़ी वारदात टाली, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गैंगस्टर्स की डिटेन–डिपोर्ट प्रक्रिया जारी।

हरियाणा एसटीएफ शाखा को राणा गैंग के सक्रिय शूटर अमर सिंह उर्फ मूंछ को पकड़ने के बाद बड़ी कामयाबी मिली है, जिसके पास से भारी मात्रा में हथियारों के साथ तीन बम—दो हैंड ग्रेनेड और डेढ़ किलो आरडीएक्स से बना एक IED बरामद किए गए। एसटीएफ के आईजी ने करनाल एसटीएफ कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि यह आरोपी काला राणा गैंग से जुड़ा मुख्य सदस्य है और झंझड़ी/जजरी गांव के पास नेशनल हाईवे किनारे झाड़ियों में इन विस्फोटकों को छुपाकर किसी बड़ी वारदात की फिराक में था।​

आईजी के अनुसार, अमर सिंह मेरठ का रहने वाला है और उसके खिलाफ पहले से लगभग 10 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें दो हत्या के मामले, एक डबल मर्डर, मोनू राणा के साथ मिलकर फिरौती के लिए किडनैपिंग व मर्डर और डकैती जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं। 2018 में वह अंबाला जेल में गैंगस्टर मोनू राणा के साथ एक ही बैरक में रहा, वहीं से काला राणा और नोनी राणा गैंग से उसकी नजदीकियां बढ़ीं और गैंग ने इसे हथियार और विस्फोटक मुहैया कराए।​

एसटीएफ ने 25 नवंबर को केवल “अमर सिंह” नाम के बेसिक इनपुट पर कार्रवाई करते हुए उसे गाड़ी समेत करनाल में घेरकर पकड़ा, जिसके पास से एक विदेशी Glock पिस्तौल और पांच जिंदा राउंड बरामद हुए। हथियार बरामदगी के बाद Arms Act के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे रिमांड पर लिया गया, जहां पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि नोनी राणा के कहने पर उसे कुछ समय पहले पंजाब बॉर्डर की तरफ से एक्सप्लोसिव (IED व ग्रेनेड) सप्लाई किए गए थे, जिन्हें उसने करनाल के पास झाड़ियों में ड्रम में पैक कर दबा रखा था।​

एसटीएफ टीम ने उसके बताए लोकेशन पर करनाल के नजदीक जिंजा/झंझड़ी गांव के पास झाड़ियों से दो हैंड ग्रेनेड और एक IED बरामद किया। मौके पर FSL और बम निरोधक स्क्वाड को बुलाकर IED को नियंत्रित धमाके से डिफ्यूज कराया गया, जबकि एक ग्रेनेड को भी वहीं ब्लास्ट कर नष्ट किया गया; पूरी प्रक्रिया सुरक्षा मानकों के तहत की गई।​

आईजी ने बताया कि बरामद IED में लगभग 1.5 किलो आरडीएक्स इस्तेमाल हुआ था और उसमें डेटोनेटर व ड्राइवर यूनिट भी लगी थी, यानी बम पूर्ण रूप से तैयार अवस्था में था। अनुमान के मुताबिक इस तरह के IED की क्षति सीमा काफी अधिक होती है और 200–300 मीटर के दायरे तक गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे साफ है कि इसका इस्तेमाल बड़ी वारदात के लिए होना था।​

अमर सिंह के खिलाफ अब यूएपीए (Unlawful Activities Prevention Act) की धाराएं भी जोड़ी गई हैं और उसे छह दिन के पुलिस रिमांड पर लेकर आगे की गहन पूछताछ की जा रही है। आईजी ने कहा कि अभी तक आरोपी यह कह रहा है कि आगे क्या करना है, इसकी अंतिम ‘डायरेक्शन’ नोनी राणा से नहीं मिली थी, क्योंकि वह पहले ही अमेरिका में डिटेन हो चुका है, लेकिन जांच में यह पता लगाया जा रहा है कि असल टारगेट कौन-सा शहर, किस व्यक्ति या प्रतिष्ठान पर हमले की साजिश थी।​

अधिकारी ने बताया कि नोनी राणा उर्फ सूर्य प्रताप (काला राणा का भाई) सहित कई गैंगस्टर्स के डोजियर तैयार कर अमेरिका सहित विभिन्न देशों को भेजे गए थे, जिसके बाद कुछ अपराधियों को वहां डिटेन भी किया गया। उन्होंने कहा कि ऐसे गैंगस्टर्स केवल हरियाणा में नहीं, बल्कि कई देशों में छुपे हुए हैं और केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय से उन्हें ट्रेस और डिपोर्ट कराने की कोशिश जारी है।​

आईजी ने माना कि साधारण गैंगस्टर एक्टिविटी में पिस्तौल–राइफल जैसे हथियार देखे जाते हैं, लेकिन IED और ग्रेनेड जैसी मिलिट्री-ग्रेड सामग्री का मिलना सामान्य नहीं है और आमतौर पर इनका सोर्स सीमा पार (पंजाब बॉर्डर आदि) से जुड़ा होता है, इसलिए इस मामले को अत्यंत गंभीरता से लेकर हर कड़ी की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि एसटीएफ की त्वरित कार्रवाई से निश्चित रूप से एक संभावित बड़ी घटना टली है और यह केवल इस बात से समझा जा सकता है कि सिर्फ “एक नाम” से शुरू हुई जांच IED और ग्रेनेड तक पहुंची।​

प्रेसवार्ता में आईजी ने हरियाणा पुलिस की हालिया उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले दिनों अनेक प्रीवेंटिव एक्शन्स से सैकड़ों संभावित मर्डर और गंभीर अपराध रोके गए हैं और सीआईए–एसटीएफ टीमों ने कई मामलों में घंटों में गैंगस्टर्स को दबोचा है। उन्होंने यह भी कहा कि अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के साथ-साथ व्यापारियों और युवाओं दोनों को जागरूक रहना होगा, क्योंकि जो लोग डरकर फिरौती देते हैं उनका डर ही अपराधियों का “इन्वेस्टमेंट” बन जाता है, जबकि कई नौजवान झूठी शान या गलत संगत में ऐसे गैंग के साथ जुड़कर कम उम्र में ही मौत या जेल की राह पकड़ लेते हैं।​

अंत में आईजी ने स्पष्ट संदेश दिया कि चाहे कोई गैंगस्टर किसी भी देश में भागकर छिप जाए, अंततः उसे लौटकर हरियाणा पुलिस और भारतीय कानून का सामना करना ही पड़ता है, और अधिकांश ऐसे अपराधी 30 साल की उम्र तक या तो गैंगवार में मारे जाते हैं या पुलिस मुठभेड़ और कानून की गिरफ्त में आ जाते हैं। उन्होंने युवाओं से अपील की कि गैंगस्टर लाइफ से दूर रहें और व्यापारियों से आग्रह किया कि किसी भी धमकी, फिरौती कॉल या संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस व एसटीएफ को दें।

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