- महाराणा प्रताप चौक पर तंदूर में रोटी बनाते युवक का रोटी पर थूकते हुए वीडियो वायरल, दो बार हरकत कैद।
- हैदराबादी चिकन बिरयानी नामक दुकान के बाहर तंदूर लगा था, नगर निगम ने तंदूर हटवाया व दुकान सील जैसी कार्रवाई की।
- स्थानीय लोग हरकत को “बड़ा पाप” और ग्राहकों के प्रति घोर अपमान बताकर सामाजिक बहिष्कार की मांग कर रहे हैं।
- युवक और मालिक दोनों फरार, लोगों से अपील कि ऐसी जगह से भोजन न लें और संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत प्रशासन को सूचना दें।
करनाल : महाराणा प्रताप चौक के नजदीक सड़क किनारे लगे एक तंदूर पर रोटी बनाते युवक का रोटी पर थूकते हुए वीडियो सामने आने के बाद इलाके में आक्रोश फैल गया और नगर निगम की टीम ने मौके पर पहुंचकर दुकान पर कार्रवाई की। वीडियो में साफ दिख रहा है कि हैदराबादी चिकन बिरयानी नामक दुकान के बाहर तंदूर पर काम कर रहा युवक एक नहीं, बल्कि दो बार रोटियों पर थूकता हुआ नजर आ रहा है, जिससे वहां से खाना खाने वाले लोगों में स्वास्थ्य और स्वच्छता को लेकर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं।
सीसीटीवी फुटेज जैसे वीडियो में युवक पहले रोटी को हाथों पर पलटता दिखाई देता है और फिर स्पष्ट रूप से उस पर थूकता हुआ नजर आता है, ठीक उसके बाद दूसरी रोटी पर भी वही हरकत दोहराते हुए देखा जा सकता है। एंकर ने कहा कि जिस अन्न को भगवान माना जाता है और ग्राहक को भगवान का रूप कहा जाता है, उसी रोटी पर थूककर लोगों को खिलाने जैसा अमानवीय और घृणित व्यवहार यहां खुलेआम किया जा रहा था।
आसपास के दुकानदारों और लोगों का कहना है कि नगर निगम की टीमें सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचीं और सड़क किनारे लगे तंदूर को उठाकर ले गईं, साथ ही दुकान के बाहर लगे पोस्टर और बोर्ड भी हटवा दिए गए। दुकान के सामने पहले तंदूर खुले में लगा रहता था, जहां से रोजाना काफी संख्या में लोग खाना लेकर जाते थे, जिससे आशंका जताई जा रही है कि कई लोगों ने संभवतः थूकी हुई रोटियां भी खाई होंगी।
स्थानीय लोगों से बातचीत में वे इस हरकत को “बहुत बड़ा पाप” बताते हुए कहते हैं कि ग्राहक भगवान का रूप होता है और गुरुद्वारे–मंदिरों के लंगर में भी अन्न अत्यंत आदर से परोसा जाता है, ऐसे में रोटी पर थूकना किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं। एक व्यक्ति ने कहा कि यह न केवल स्वच्छता के खिलाफ है, बल्कि जानबूझकर लोगों को अपमानित करने और उनकी धार्मिक–मानसिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने जैसा कृत्य है, जिसका समाजिक तौर पर कड़ा बहिष्कार होना चाहिए।
कुछ लोगों ने वीडियो देखकर गुस्से में कहा कि यह युवक मुस्लिम बताया जा रहा है और उन्हें लगता है कि इस तरह की हरकतों के पीछे धार्मिक द्वेष या “धर्म बदलवाने/धर्म भ्रष्ट करने” जैसी मानसिकता हो सकती है, हालांकि इस दावे की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि जब तक समाज ऐसे काम करने वालों का सामाजिक बहिष्कार नहीं करेगा, तब तक ये लोग बाज नहीं आएंगे, और कानून के साथ-साथ समाज को भी एकजुट होकर कड़ा संदेश देना होगा।
कई दुकानदारों ने यह भी कहा कि अगर यह हरकत छुपकर अंदर होती तो शायद किसी की नजर में नहीं आती, लेकिन यह युवक खुलेआम सड़क किनारे, सबके सामने तंदूर पर रोटी बनाते हुए थूकता दिख रहा है, जिससे लगता है कि उसे किसी की परवाह ही नहीं थी। पास की दुकान वाले ने बताया कि उसके कैमरे अलग दिशा में हैं और उसने पहले कभी ऐसी हरकत नहीं देखी, पर वायरल वीडियो देखने के बाद लोग अपने–अपने सीसीटीवी चेक करने की बात कर रहे हैं कि कहीं पहले भी ऐसा न हुआ हो।
कुछ ग्राहकों ने बताया कि वे दो साल पहले तक इस दुकान से रोटी खा चुके हैं, अब उन्हें यह सोचकर घृणा महसूस हो रही है कि हो सकता है तब भी ऐसी हरकत हुई हो, बस वीडियो तब सामने न आया हो। एंकर ने कहा कि यह मामला केवल एक दुकान तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे शहर के लिए चेतावनी है कि खाने–पीने के स्थानों पर स्वच्छता, हाइजीन और खाद्य सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है।
युवक और दुकान मालिक दोनों फिलहाल मौके से नदारद हैं और आसपास के दुकानदारों को मालिक के बारे में भी सही जानकारी नहीं है। एंकर ने कहा कि यह मुद्दा हिंदू–मुस्लिम बहस से आगे बढ़कर मूल रूप से स्वच्छता, मानवता और ग्राहक के सम्मान का है, और संबंधित विभागों के लिए यह जरूरी है कि ऐसे मामलों में जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाए।
अंत में लोगों से अपील की गई कि वे ऐसी घटनाओं को हल्के में न लें, आंखोंदेखी या वीडियो प्रूफ मिलने पर तुरंत प्रशासन को सूचित करें और जहां भी इस तरह की हरकत होती दिखे, वहां से भोजन लेना बंद कर दें। साथ ही सुझाव दिया गया कि नगर निगम और फूड सेफ्टी विभाग बाज़ारों में नियमित निरीक्षण बढ़ाएं, ताकि इस तरह की घृणित गतिविधियों पर पहले ही रोक लगाई जा सके और जनता का भरोसा भोजनालयों पर बना रहे।