- करनाल हाईवे किनारे झाड़ियों में छुपाए दो हैंड ग्रेनेड STF की सूचना पर बरामद, 2 घंटे में डिफ्यूज।
- बदमाश ने रिमांड में कबूला, किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में था; STF, FSL, सदर पुलिस मौके पर।
- मधुबन से बम निरोधक दस्ता, जेसीबी से गहरा गड्ढा खोदकर ग्रेनेड मिट्टी में दबाकर नियंत्रित धमाके से निष्क्रिय किए गए।
- पूरे एरिया को सील कर हाईवे ट्रैफिक डायवर्ट, विस्तृत खुलासा STF के आईजी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में होगा।
करनाल: दिल्ली–चंडीगढ़ नेशनल हाईवे किनारे झाड़ियों में छुपाए गए दो हैंड ग्रेनेड को बम निरोधक दस्ते ने करीब दो घंटे की प्रक्रिया के बाद सुरक्षित तरीके से डिफ्यूज कर दिया। मामला तब सामने आया जब स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सदर थाना क्षेत्र के आसपास से एक बड़े गैंग से जुड़े बदमाश को पकड़ा और उसने रिमांड के दौरान कबूला कि उसने हाईवे के पास झाड़ियों में ग्रेनेड छुपाए हैं और किसी बड़ी वारदात की तैयारी कर रहा था।
सूचना के बाद मौके पर STF, फॉरेंसिक टीम, एसएओ सदर, सदर थाना पुलिस और अन्य क्राइम यूनिट्स ने पहुंचकर पूरे इलाके को घेराबंदी कर सील कर दिया, ताकि कोई आम व्यक्ति उस क्षेत्र में न जा सके। पुलिस ने हाईवे पर ट्रैफिक को भी नियंत्रित करते हुए साफ कर दिया कि डिफ्यूज के समय किसी भी वाहन को वहां रुकने या आसपास जाने की इजाजत नहीं होगी, क्योंकि विस्फोट के दौरान जोरदार धमाके की आशंका रहती है।
बम निरोधक दस्ते की टीम मधुबन पुलिस अकादमी से मौके पर पहुंची और विशेष सुरक्षा सूट पहनकर पहले झाड़ियों से ग्रेनेड बरामद किए गए। इसके बाद जेसीबी मशीन की मदद से कई फुट गहरा गड्ढा खोदा गया, जिसमें उन ग्रेनेड को मिट्टी के अंदर दबाया गया, ताकि डिफ्यूज के वक्त धमाके की ऊर्जा जमीन के भीतर ही समा जाए और आसपास कोई नुकसान न हो।
ऑपरेशन के तहत बम स्क्वाड ने वायरिंग बिछाकर दूर से नियंत्रित प्रणाली के जरिए ग्रेनेड को निष्क्रिय करने की तैयारी की, जिसकी हर स्टेप की वीडियोग्राफी पुलिस की ओर से कराई गई। टीम ने पहले ट्रायल/एक्सपेरिमेंटल विस्फोट से सेटअप की जांच की और वायरिंग व सेफ्टी पैरामीटर्स की तसल्ली कर लेने के बाद ही असली ग्रेनेड को डिफ्यूज करने की अंतिम प्रक्रिया शुरू की।
बम निरोधक दस्ते की टीम बार–बार नजदीक जाकर वायरिंग और सेटअप की जांच करती रही और बाकी सभी पुलिस अधिकारी व जवान सुरक्षित दूरी पर साइड में कर दिए गए। पूरे एरिया को पूरी तरह खाली कर केवल ऑपरेशन टीम को ही अंदर रखा गया और आसपास सिर्फ पुलिस, STF और क्राइम ब्रांच की टीमें सुरक्षा घेरा बनाकर तैनात रहीं।
एसटीएफ ने कुछ समय पहले ही बदमाश को पकड़ा था और उसके पास से ग्रेनेड बरामद होने के बाद उसने रिमांड में स्वीकार किया कि उसने इन्हें झाड़ियों के बीच छुपाया था। बदमाश किस गैंग से जुड़ा है, इन ग्रेनेड का इस्तेमाल कहां और किस बड़ी वारदात में होना था, इस पर विस्तृत खुलासा स्पेशल टास्क फोर्स के आईजी स्तर के अधिकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस में करेंगे, जो मौके पर पहुंचने वाले हैं।
ऑपरेशन के दौरान पुलिस प्रशासन ने पूरे खाली ग्राउंड और आसपास के हाईवे हिस्से को सील कर दिया, ताकि किसी भी सूरत में कोई आम नागरिक सुरक्षा दायरे में न आए। पत्रकार ने बार–बार लोगों से अपील की कि वे इस तरह की जानकारी को गंभीरता से लें और कहीं भी संदिग्ध वस्तु, बैग या झाड़ियों में पड़े सामान को देखें तो तुरंत पुलिस को सूचित करें, खुद हाथ न लगाएं।
ग्रेनेड के सफलतापूर्वक डिफ्यूज होने के बाद यह ऑपरेशन एसटीएफ और बम निरोधक दस्ते की बड़ी सफलता माना जा रहा है, क्योंकि समय रहते कार्रवाई न होने पर ये विस्फोटक किसी गंभीर वारदात में इस्तेमाल हो सकते थे। मौके पर मौजूद पुलिस और विशेष टीमों की सतर्कता, तकनीकी प्रक्रिया और समन्वय के कारण पूरे ऑपरेशन के दौरान किसी तरह की जनहानि या संपत्ति का नुकसान नहीं हुआ।