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सुभाष कॉलोनी के शादी वाले घर में गन प्वाइंट पर डकैती, दूल्हे को गोली लगी, हालत अब स्थिर।
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पंजाब के 5 डकैत ज़ीरकपुर के पास गिरफ्तार, 6 दिन के पुलिस रिमांड पर, दो हिस्ट्री शीटर।
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ज्वेलरी–कैश की लगभग पूरी रिकवरी, परिवार ने करनाल पुलिस की त्वरित कार्रवाई की सराहना की।
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मुखबरी की आशंका, पुलिस अंदरूनी सहयोगी और हथियार सप्लाई की कड़ी की गहन जांच कर रही है।
करनाल के सुभाष कॉलोनी स्थित एक घर में शादी की तैयारियों के बीच घुसकर डकैती की वारदात करने वाले पांच डकैतों को पुलिस ने गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के बाद छह दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है। इनमें से दो आरोपी राजा और अभिषेक पंजाब के कुख्यात हिस्ट्री शीटर बताए जा रहे हैं, जिन पर लूट, डकैती और हथियारों से जुड़े कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।
घटना उस समय हुई जब सुबह करीब 8:30 बजे दूल्हे आदित्य प्रसीजा और उनकी बहन घर से बाहर निकल रहे थे और खुद को डॉक्टर के बारे में पूछने वाला बताकर एक व्यक्ति गेट पर पहुंचा, जिसके पीछे से चार और बदमाश अंदर घुस गए। बदमाशों ने गन प्वाइंट पर परिवार को बंधक बना लिया और बीच में बैठे आदित्य को अचानक सीने में गोली मार दी, जबकि बीच-बचाव में आई मां पर भी चार राउंड फायर किए गए जिनमें गोलियां दीवारों में लगीं।
परिवार ने जान बचाने के लिए गोल्ड और कैश वाले लॉकर खोलकर बदमाशों को सामान सौंप दिया, इसके बावजूद आरोपी आपस में “तू तो कह रहा था यहां बहुत पैसा है” जैसी बातें करते रहे, जिससे मुखबरी की आशंका गहरी हो गई। जाते-जाते बदमाश घर का डीवीआर भी साथ ले गए और परिवार को कमरे में बंद कर फरार हो गए, लेकिन समझदारी दिखाते हुए घायल आदित्य ने जेब में रखा मोबाइल इस्तेमाल कर तुरंत अन्य परिजनों और पुलिस को सूचना दी।
परिजनों के अनुसार, सूचना मिलते ही करनाल पुलिस, एसपी गंगाराम पुनिया और अन्य अधिकारी 15–20 मिनट के भीतर मौके पर पहुंच गए और तेज कार्रवाई के चलते पंजाब के ज़ीरकपुर के पास पांचों डकैतों को गिरफ्तार कर लिया गया। परिवार ने बताया कि पुलिस ने ज्वेलरी और नकदी की लगभग पूरी रिकवरी कर ली है और अपेक्षा से भी ज्यादा सामान बरामद होने पर वे पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट हैं।
परिवार का कहना है कि शुरुआती पुलिस जांच में अभी तक किसी घरेलू या बाहरी मुखबिर की पुष्टि नहीं हुई और आरोपी खुद को “रैंडम” टारगेट चुनकर आने की बात कह रहे हैं, लेकिन पीड़ित पक्ष इसे मानने को तैयार नहीं और घर के भीतर या आसपास से मुखबरी की आशंका जता रहा है। परिजन चाहते हैं कि पुलिस यह भी स्पष्ट करे कि कहीं कोई नौकर, मजदूर, पेंटर या अन्य परिचित व्यक्ति तो डकैतों को घर और हालात की जानकारी नहीं दे रहा था।
परिवार ने पूरी वारदात का ब्योरा सार्वजनिक करके लोगों से अपील की कि ऐसे हालात में घबराने या सीधे भिड़ने के बजाय धैर्य से काम लें, जान बचाने को प्राथमिकता दें और बाद में शांत दिमाग से पुलिस की मदद करें। उन्होंने बताया कि हमलावरों द्वारा कमरे में बंद किए जाने के बाद भी मोबाइल बचा रहने से वे समय रहते छोटे बेटे और अन्य परिजनों को घर से दूर रहने की चेतावनी दे सके और थाने व वरिष्ठ अधिकारियों तक खबर पहुंचा पाए।
वीडियो में लोगों से यह भी अपील की गई कि हर घर में सीसीटीवी कैमरा लगवाना और डीवीआर को किसी सुरक्षित व छुपी जगह पर इंस्टाल कराना बेहद जरूरी है, क्योंकि अधिकतर प्रोफेशनल अपराधी सबसे पहले टीवी के नीचे रखे डीवीआर को उठा ले जाते हैं। पत्रकार ने सलाह दी कि नए घर या ऑफिस में सीसीटीवी लगवाते समय मामूली अतिरिक्त खर्च कर डीवीआर को ऐसी जगह फिट करवाएं जहां आम चोर या डकैत आसानी से न पहुंच सकें, ताकि सबूत सुरक्षित रह सकें।
पुलिस सूत्रों के हवाले से बताया गया कि पांचों डकैत पंजाब के लुधियाना साइड के रहने वाले हैं और शुरुआती रिमांड में यह बात सामने आई है कि वे नशे के आदी, बड़े क्रिमिनल और कई मामलों में जेल काट चुके हैं। अभी तक की जानकारी के अनुसार, वे करनाल आए, कथित तौर पर गूगल पर “पोष इलाका” सर्च कर इस कॉलोनी तक पहुंचे और नए बने एक घर को निशाना बना लिया, हालांकि मुखबरी की संभावना पर जांच जारी है।
पुलिस छह दिन के रिमांड के दौरान हथियारों और कारतूस की सप्लाई चेन, अन्य संभावित वारदातों, स्थानीय सहयोगियों और किसी अंदरूनी मुखबिर की भूमिका की गहन जांच कर रही है। करनाल पुलिस ने आश्वासन दिया है कि जैसे ही जांच पूरी होगी, प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पूरे मामले का खुलासा किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
परिवार ने करनाल पुलिस की त्वरित कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि अगर शुरुआती कुछ मिनटों में उन्होंने संयम न रखा होता और पुलिस ने भी तुरंत रिस्पॉन्ड न किया होता तो हालात और गंभीर हो सकते थे। साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की कि अगर किसी के पास इन पांचों डकैतों के करनाल में रहने, घूमने या किसी अन्य जगह की जानकारी हो तो बिना हिचक पुलिस से साझा करें, पुलिस पहचान गुप्त रखेगी और इससे ऐसे अपराधियों पर और कड़ी कार्रवाई संभव होगी।