December 5, 2025
25 Nov 20
  • निसिंग थाना पुलिस ने बिना नंबर प्लेट, फर्जी “Police/Press/Advocate” टैग और तेज आवाज वाले साइलेंसर वाली सैकड़ों बाइक्स इंपाउंड कीं।​

  • एक फर्जी पुलिस टैग लगी बाइक पर करीब 37,000 रुपये का चालान बना, चालक अब तक जुर्माना नहीं भर पाया।​

  • संशोधित पटाखे वाले साइलेंसर उतरवाकर ही वाहन छोड़े जा रहे हैं, मिस्त्री व पेरेंट्स को बुलाकर मौके पर नॉर्मल साइलेंसर लगवाए जा रहे हैं।​

  • अगस्त से तीन महीनों के भीतर लगातार विशेष चेकिंग से बड़ी संख्या में बुलेट–बाइक पकड़ी गईं; आमजन को परेशान करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है।​

  • पुलिस और मीडिया ने युवाओं व आमजन से सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने, फालतू शो–ऑफ, तेज रफ्तार और फोन पर बात करते हुए वाहन चलाने से बचने की अपील की।

करनाल के निसिंग थाना क्षेत्र में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर पुलिस ने सख्त रुख अपनाते हुए बड़ी संख्या में दोपहिया वाहन, विशेष रूप से बुलेट बाइक, इंपाउंड किए हैं। थाने के प्रांगण में खड़ी दर्जनों बुलेट और अन्य मोटरसाइकिलें इस बात की गवाही दे रही हैं कि पुलिस अब बिना नंबर प्लेट, नंबर विहीन प्लेट, तेज आवाज वाले साइलेंसर और फर्जी स्टिकर लगे वाहनों पर बिल्कुल नरमी नहीं बरत रही।​

वीडियो में दिखाया गया कि कई बाइकों पर पीछे नंबर प्लेट ही नहीं लगी या प्लेट है लेकिन उस पर नंबर नहीं लिखा। कई बुलेट बाइकों पर संशोधित साइलेंसर लगाए गए थे, जिनसे पटाखों जैसी तेज आवाज निकलती है और आमजन, बच्चों व बुजुर्गों को ध्वनि प्रदूषण का सामना करना पड़ता है। कुछ वाहनों के पीछे “Police”, “Press”, “Advocate” जैसे टैग और स्टिकर लगे पाए गए, जिनका इस्तेमाल कथित तौर पर चालान और चेकिंग से बचने के लिए किया जा रहा था।​

निसिंग थाना प्रभारी श्रीभगवान ने बताया कि यह स्थान कोई बाइकों का शोरूम नहीं बल्कि थाना परिसर है और यहां खड़ी सभी मोटरसाइकिलें इंपाउंडेड हैं। उन्होंने कहा कि एक बाइक पर फर्जी पुलिस टैग लगाकर चलने वाले चालक पर करीब 37,000 रुपये का चालान बना है, जिसे वह अब तक भर नहीं पा रहा। उन्होंने साफ किया कि चाहे कोई “Police”, “Press” या “Advocate” का स्टीकर लगाकर चले, जांच से कोई नहीं बचेगा और ऐसे फर्जी टैग्स पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।​

थाना प्रभारी ने कहा कि कई लोग गाड़ियों के शीशे के आगे पुलिस की कैप, स्टिकर या अन्य प्रतीक रखकर टोल टैक्स और पुलिस चेकिंग से बचने की कोशिश करते हैं। यह गलत है और अपराधी किस्म के लोग भी ऐसे प्रतीकों का दुरुपयोग करते हैं, इसलिए पुलिस ऐसे वाहनों की विशेष रूप से चेकिंग कर रही है। उन्होंने साफ संदेश दिया कि असली पहचान की जरूरत पड़ने पर कोई भी व्यक्ति अपना परिचय देकर सत्यापन करा सकता है, लेकिन वाहनों पर ऐसे टैग लगाकर चलने की अनुमति नहीं है।​

संशोधित साइलेंसर और पटाखे जैसी आवाजों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि कई युवा शौक और बदमाशी के चलते कंपनी द्वारा दिए गए स्टैंडर्ड साइलेंसर हटाकर तेज आवाज वाले साइलेंसर लगवा लेते हैं। इससे न केवल आमजन, हार्ट पेशेंट और छोटे बच्चों को परेशानी होती है, बल्कि खुद चालक के कानों और स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो भी आमजन को परेशान करेगा, पुलिस उसे जरूर “परेशान” करेगी और उसके खिलाफ कार्रवाई करना पुलिस का दायित्व है।​

थाना प्रभारी ने बताया कि वे अगस्त माह में निसिंग थाने में पदस्थापित हुए और अगस्त, सितंबर, अक्टूबर – इन करीब तीन महीनों में लगातार विशेष चेकिंग अभियान चलाए गए। इस दौरान भारी संख्या में मोटरसाइकिलें इंपाउंड की गईं, जिनमें से कई का चालान भरवाकर, संशोधित साइलेंसर उतरवाकर और सामान्य साइलेंसर लगवाकर ही छोड़ा गया। उन्होंने बताया कि कई मामलों में मिस्त्री और वाहन मालिक/पेरेंट्स को थाने बुलाकर मौके पर ही पटाखे वाले साइलेंसर उतरवाए गए और फिर ही वाहन छोड़े गए।​

वीडियो के अंत में एंकर ने बताया कि निसिंग थाना पुलिस पूरी तरह एक्शन मोड में और जागरूक है, खासकर सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों को लेकर। पुलिस बिना नंबर प्लेट, बिना नंबर, तेज आवाज वाले साइलेंसर, फर्जी “Police/Press/Advocate” टैग व स्टिकर वाले वाहनों पर निरंतर कार्रवाई कर रही है। लोगों को चेताया गया कि “फुकरापंती”, बदमाशी, तेज रफ्तार, फोन पर बात करते हुए वाहन चलाना और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी न सिर्फ चालान और वाहन इंपाउंडिंग तक पहुंचेगी, बल्कि खुद और दूसरों की जान को जोखिम में भी डालेगी।​

पुलिस और चैनल दोनों ने जनता से अपील की कि वे सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करें, सही नंबर प्लेट, मानक साइलेंसर और बिना फर्जी टैग–स्टिकर के वाहन चलाएं, ताकि वे सुरक्षित भी रहें और कानूनी कार्यवाही से भी बच सकें।​

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