- शामली रोड स्थित “अर्ष गुरुकुल” में 11 वर्षीय छात्र से यौन उत्पीड़न के आरोप में आचार्य आदित्य आर्य (30), मूल निवासी बरेली, गिरफ्तार।
- बच्चे ने रसोई की हेल्पर के फोन से मां को कॉल कर बाथरूम में की गई गलत हरकत की जानकारी दी; मां की शिकायत पर केस दर्ज हुआ।
- पुलिस ने बच्चे का मेडिकल, कोर्ट में बयान और CWC के माध्यम से काउंसलिंग करवाई; बच्चा फिलहाल सुरक्षित बताया गया।
- गुरुकुल अवैध/बिना स्थानीय मान्यता के संचालित, 25 बच्चे हॉस्टलनुमा व्यवस्था में रह रहे; बिजली–पानी की व्यवस्थाओं पर भी सवाल।
- CWC टीम अन्य बच्चों की काउंसलिंग व गुरुकुल निरीक्षण करेगी; और किसी बच्चे के साथ गलत हरकत साबित होने पर अतिरिक्त सख्त कार्रवाई की चेतावनी।
निसिंग थाना क्षेत्र में एक गुरुकुल के आचार्य पर 11 साल के छात्र से यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगा है। 30 वर्षीय आरोपी आदित्य आर्य, जो खुद को “आचार्य” कहलाता है और मूल रूप से बरेली (उ.प्र.) का रहने वाला है, को निसिंग थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी शामली रोड स्थित “अर्ष गुरुकुल” में बच्चों को पढ़ाता था और वहीं पर रहकर बच्चों की देखरेख करता था।
थाना प्रभारी श्रीभगवान के अनुसार, गुरुकुल में करीब 25 बच्चे रहते और पढ़ते हैं, जिनमें कक्षा छठी से दसवीं तक के छात्र शामिल हैं। पीड़ित बच्चा इंद्री क्षेत्र का रहने वाला है और दो साल से इस गुरुकुल में पढ़ रहा था। शिकायत के मुताबिक, रविवार को गुरुकुल के अंदर बाथरूम में ले जाकर अध्यापक ने उसके साथ गलत हरकत की। डर के माहौल में बच्चा सोमवार को रसोई में काम करने वाली हेल्पर के फोन से अपनी मां को कॉल कर सारा घटनाक्रम बताता है।
पीड़ित की मां उषा रानी, जो इंद्री की रहने वाली विधवा हैं, तुरंत निसिंग थाना पहुंचीं और पुलिस को जानकारी दी। पुलिस टीम तुरंत गुरुकुल पहुंची, बच्चे को अपने संरक्षण में लिया और उससे तथा उसकी मां से विस्तृत पूछताछ की। मां की लिखित शिकायत पर यौन उत्पीड़न संबंधी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। बच्चे का मेडिकल परीक्षण कराया गया, माननीय अदालत में उसके बयान दर्ज करवाए गए और चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) के माध्यम से उसकी काउंसलिंग भी करवाई गई।
एसएचओ के मुताबिक, बच्चे ने अपने अध्यापक आदित्य आर्य का नाम लेते हुए आरोप लगाए। पूछताछ में आरोपी ने खुद भी यह स्वीकार किया कि उसने बाथरूम में ले जाकर “बैड टचिंग” की, जिसे पुलिस ने बहुत ही निंदनीय व गंभीर अपराध बताया। पुलिस ने आरोपी को गुरुकुल से ही डिटेन कर बाद में औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया। कल आरोपी को कोर्ट में पेश किया जाएगा और आवश्यकता के अनुसार पुलिस रिमांड/न्यायिक हिरासत की कार्यवाही की जाएगी।
जांच के दौरान सामने आया कि शामली रोड के पास प्रेमखेड़ा गांव के पास चल रहा यह गुरुकुल पूर्ण रूप से मान्यता प्राप्त नहीं है। संस्थान की प्राचार्या ने पुलिस को बताया कि यह गुरुकुल उत्तर प्रदेश में पहले से चल रहे किसी गुरुकुल की मान्यता के आधार पर यहां संचालित किया जा रहा है। मौके पर निरीक्षण के दौरान पाया गया कि पिछले 7–10 दिनों से बिजली कनेक्शन न होने के कारण परिसर अंधेरे में था, पड़ोसी के कनेक्शन से अस्थायी बिजली ली जाती थी और पानी की व्यवस्था भी प्रभावित थी।
एसएचओ श्रीभगवान ने बताया कि रात को निरीक्षण के समय गुरुकुल में सिर्फ दो ही व्यक्ति मौजूद थे – आरोपी आदित्य आर्य और एक अन्य आचार्य। बाकी स्थानीय आचार्य व एक महिला कर्मचारी उस समय मौजूद नहीं थे। अब CWC चेयरमैन और उनकी टीम गुरुकुल पहुंचकर बाकी 25 बच्चों की काउंसलिंग और संपूर्ण व्यवस्था की जांच करेगी। यदि किसी और बच्चे के साथ भी इस तरह की हरकत सामने आई तो उस पर भी अलग से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
11 साल के इस मासूम बच्चे ने हिम्मत दिखाते हुए मां को फोन कर अपना दर्द साझा किया, जबकि ऐसे मामलों में अक्सर बच्चे डर के कारण चुप रह जाते हैं। पुलिस ने बच्चे को सुरक्षित करते हुए CWC के हवाले किया, जहां उसकी मानसिक स्थिति और भविष्य की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए काउंसलिंग की जा रही है। गुरुकुल के हॉस्टलनुमा सेटअप, बिना मान्यता के संचालन और रात में बच्चों के वहीं रुकने की व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल उठाए गए हैं।
निसिंग थाना पुलिस ने आश्वस्त किया है कि इस मामले के सभी पहलुओं की गहन जांच होगी – संस्थान की वैधता, प्रबंधन की जिम्मेदारी, अन्य स्टाफ की भूमिका और यह संभावना कि कहीं अन्य बच्चे भी शिकार तो नहीं बने। पुलिस ने कहा कि आरोपी ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है, इसलिए जल्द ही उसे जेल भेजने की प्रक्रिया भी आगे बढ़ेगी।
अभिभावकों और बच्चों से अपील कि यदि किसी बच्चे के साथ “बैड टच” या कोई गलत हरकत होती है तो वह डरें नहीं, तुरंत अपने मां–बाप, विश्वसनीय बड़ों या पुलिस को जानकारी दें। चाइल्ड हेल्पलाइन और पुलिस तंत्र ऐसे मामलों में बच्चों के साथ खड़ा है और हर संभव मदद दी जाएगी। उन्होंने कहा कि शिक्षक का ओहदा बच्चों के जीवन को संवारने के लिए होता है, ऐसे मामलों में समाज और कानून दोनों को सख्ती से खड़ा होना होगा।