करनाल: Karnal Breaking News कार्यालय पहुंचे रॉकी मित्तल ने कांग्रेस की लगातार हार का कारण पार्टी के अंदरूनी मतभेद और विकल्पहीन नेतृत्व को बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने कांग्रेस को नहीं हराया, बल्कि कांग्रेस ने खुद अपनी जड़ खोदी—नेता आपस में ही एक दूसरे पर वार करते रहे और कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई।
रॉकी मित्तल ने कहा, “हरियाणा में विधानसभा की 75 सीटें कांग्रेस की तय थीं, लेकिन पार्टी के अंदर गुटबाजी और टिकट वितरण में पारिवारवाद, टीआरपी तक ना देखना जैसे कारणों से कांग्रेस ने खुद अपने ही मजबूत कैंडिडेट्स को हरवा दिया।” उन्होंने बताया कि नेताओं के बीच एकता नहीं है, प्रदेश भर में अलग–अलग गुट चल रहे हैं और जब तक ये एक साथ नहीं आएंगे, ‘हरियाणा में डायनासोर आ सकते हैं, ये इकट्ठे नहीं हो सकते।’
उन्होंने बीजेपी के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का नेतृत्व सबसे अच्छा बताया, लेकिन नायब सिंह सैनी के साथ करीबी होने के बावजूद उनके काम करने के तरीके को अलग बताया। पिछली नाराजगी पर चर्चा करते हुए बोले, “बीजेपी का प्रचार बंद कर दिया, लेकिन मैं कट्टर सनातनी हूं—जो भी पार्टी सनातन के खिलाफ काम करेगी, मेरा उससे लेना–देना नहीं।”
बीजेपी में वापसी की संभावना पर उन्होंने कहा, “अगर ऑफर मिला तो देखूंगा, लेकिन अभी अपनी सोशल मीडिया पॉपुलैरिटी और जनहित के मुद्दों पर फोकस कर रहा हूं। सरकार का ओएसडी बनना हो, या प्रचार का काम मिल जाए, हर महीने डेढ़ लाख की सैलरी भी मिल सकती है, लेकिन अगर गलत कहना पड़ा, तो नहीं जाऊंगा।”
योगी आदित्यनाथ की तारीफ में उन्होंने कहा, “अगर मोदी जी आगे पीएम नहीं बने तो योगी जी को ये मौका मिलना चाहिए, देश के लिए उनकी नीति सबसे अच्छी है।” जातिवाद–धर्मवाद की राजनीति, सनातन विरोधी बयानों और कांग्रेस नेताओं के बेतुके बयानों को कांग्रेस की हार का बड़ा कारण बताया।
मीडिया के सवालों पर Rocky Mittal ने अपनी ईमानदारी की मिसाल देते हुए कहा, “मैं झूठी टीआरपी नहीं चाहता, विपक्ष का दायित्व सत्ता से ज्यादा है—जनता के मुद्दों पर आवाज उठानी चाहिए, न कि केवल अपने मुद्दों को लेकर आपस में लड़ना चाहिए।”
चुनाव प्रचार को लेकर उन्होंने बताया कि कुछ सीटों पर उनके प्रचार से कांग्रेस के उमीदवार जीत भी गए, लेकिन जब पार्टी के सेनापति ही मजबूत नहीं, तब सेना कभी नहीं जीत सकती।
अंत में, उन्होंने भाजपा हो या कांग्रेस—किसी भी पार्टी में वापसी या प्रचार करने के बारे में कहा कि निर्णय पारदर्शिता और जनता के हित के मुद्दों पर ही होगा।