December 5, 2025
21 Nov 2

करनाल: करनाल के कैलाश गांव स्थित नए हॉकी स्टेडियम में हॉकी इंडिया द्वारा आयोजित थर्ड हॉकी एकेडमिक्स ऑल गर्ल्स टूर्नामेंट में देश भर की 33 टीमें जुटीं और पूरे जोश–जुनून के साथ बेटियाँ अपने हुनर का प्रदर्शन कर रही हैं। प्रतिभागी ना सिर्फ करनाल, बल्कि कोलकाता, बेंगलुरु सहित पैन इंडिया अलग–अलग राज्यों से पहुँची हैं, अपना टैलेंट और जज़्बा दिखाने के लिए पूरे हफ्ते से चल रही इस चैंपियनशिप में हिस्सा ले रही हैं।​

टूर्नामेंट के फाइनल 23 तारीख को होंगे, जबकि अगले दो दिन सेमीफाइनल मुकाबले चलेंगे। खेल मैदान पर सिर्फ लड़कियों की ही टीमें हैं और हर प्रतिभागी देश का नाम और परचम चोटी तक पहुंचाने की उम्मीद और ऊर्जा से लबरेज है। कोलकाता से आई प्रतिभागी कौश खातून और काजल तिवारी ने साझा किया कि वे जीतकर ही वापस जाएंगी, इस टूर्नामेंट से सीखने और अपने टैलेंट को निखारने का मौका मिल रहा है।​

बेंगलुरु की शोभा ने बताया कि गेम में बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है, ढेरों कठिन चुनौतियां हैं और यह प्लेटफॉर्म भविष्य को बदल सकता है। उसने अपने बेस्ट देने का वादा किया और कहा कि स्पोर्ट्समैन को हर हाल में अपना शत–प्रतिशत देना चाहिए।​

अंपायर और आयोजक चौहान सर ने टूर्नामेंट को “मातृशक्ति का प्रदर्शन” कहते हुए बताया कि हॉकी जैसे गेम देश को विश्व गुरु बनाने की ओर ले जाते हैं। करनाल प्रशासन की प्रशंसा करते हुए उन्होंने बताया कि बच्चों के लिए लंगर, फूड और सभी व्यवस्थाएं करनाल की जनता ने साझा आहुति देकर की हैं, जिससे लगभग 800 बच्चों के लिए व्यवस्था की गई।​

कोचेस और अन्य आयोजकों ने खास तौर से अपील की कि जितने भी स्पोर्ट्स लवर हैं या स्कूल प्रिंसिपल्स हैं, वे बच्चों को लाइव मैच देखने और प्रेरणा लेने जरूर भेजें। सुबह 6:00 बजे से रात 8:00 बजे तक मैचेस होते हैं, फ्लड लाइट्स में तुरंत मैच देखने का रोमांच मिलता है।​

कई कोचेस और वरिष्ठ खेल अधिकारी ने बताया कि देश में बेटियों की प्रोफेशनल लाइफ के लिए अब पीएसयू, रेलवे, बैंकिंग, सीआरपीएफ, एसएसबी समेत सरकार के कई विभाग उत्कृष्ट कैरियर ऑप्शन दे रहे हैं। खेल में बेटियों की भागीदारी से देश की सामाजिक और आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।​

स्पोर्ट्स लवर्स के लिए यह नेशनल लेवल का टूर्नामेंट करनाल में लाइव देखने का मौका है, वहीं 23 तारीख को फाइनल के बाद स्पोर्ट्स मिनिस्टर भी बच्चों को ब्लेसिंग्स देने पहुंचेंगे। हजारों स्कूली बच्चे और बुजुर्ग यहाँ स्टेडियम में बैठकर मैचेज देख सकते हैं और अपनी बेटियों का हौसला बढ़ा सकते हैं।

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