करनाल: हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा सोमवार को अचानक करनाल पहुंचे और महाराणा प्रताप हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की। यहां पहुंचने पर डायरेक्टर और वाइस चांसलर सहित विश्वविद्यालय प्रशासन ने उन्हें बुके देकर स्वागत किया। इसी दौरान उन्होंने राज्य में प्राकृतिक खेती, ऑर्गेनिक मंडियों, कांग्रेस के चुनावी आरोपों और करनाल अनाज मंडी में फर्जी गेट पास घोटाले पर खुलकर बयान दिया।
प्राकृतिक खेती, मोटा अनाज और ऑर्गेनिक मंडियों पर जोर
कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य किसान की आमदनी बढ़ाना है और इसके लिए चार प्रमुख क्षेत्रों – कृषि, बागवानी (हॉर्टिकल्चर), पशुपालन (एनिमल हसबेंडरी) और मत्स्य पालन (फिशरी) – पर विशेष जोर दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार मोटे अनाज जैसे चना, बाजरा, ज्वार, मक्का, बेर, सरसों और दालों को बढ़ावा दे रही है, क्योंकि इन फसलों में खाद–रसायन और पेस्टिसाइड की जरूरत बहुत कम या कई मामलों में न के बराबर है।
उन्होंने कहा कि रासायनिक खेती में धान–गेहूं जैसी फसलों पर अत्यधिक खाद और दवाइयों के उपयोग से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ता है, जबकि “प्रकृति खेती वही है जो बिना खाद–दवाई के हो जाए”, जो किसानों और समाज दोनों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वे बचपन से खेती करते रहे हैं, इसलिए प्रकृति खेती के फायदों को अच्छी तरह समझते हैं और छोटे किसानों को देसी गाय के गोबर से जीवामृत तैयार कर एक एकड़ में प्राकृतिक खेती करने पर अनुदान/subsidy देने की योजना लाई गई है।
कृषि मंत्री ने बताया कि ऑर्गेनिक अनाज के लिए अलग मंडियों की भी आवश्यकता है, इसलिए गुड़गांव में ऑर्गेनिक मंडी बनने जा रही है और हिसार में भी मंडी का काम आगे बढ़ेगा, जिससे किसानों को अच्छा रेट मिलेगा और वे प्राकृतिक/ऑर्गेनिक खेती की ओर और अधिक प्रेरित होंगे।
बिहार चुनाव और EVM–वोट कटने के आरोपों पर कांग्रेस को घेरा
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत पर कांग्रेस द्वारा लगाए गए वोट चोरी और “एसआरआई के जरिए वोट काटने” जैसे आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कृषि मंत्री ने विपक्ष को संगठनहीन बताया। उन्होंने कहा कि सरकार बूथ स्तर से बनती है और हर बूथ पर इलेक्शन कमीशन की हिदायत के अनुसार मान्य पार्टियों के बूथ लेवल एजेंट (BLA/Booth Level Agent) बैठते हैं, साथ ही सरकार की तरफ से बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) भी नियुक्त होता है।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि हरियाणा में 20,632 बूथ हैं और किसी भी पार्टी को इतने ही कार्यकर्ताओं की जरूरत है, जबकि “कांग्रेस के पास उतने कार्यकर्ता ही नहीं हैं, बूथ देखेगा कौन?” बूथ पर मतदाता सूची की शुद्धता, 18 वर्ष पूरे कर चुके युवाओं की वोट बनना और मृत मतदाताओं के नाम कटना, सब मिलकर एक टीम के माध्यम से तय होता है, जिससे गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं के बराबर रहती है।
राहुल गांधी और लालू यादव पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि ये “बादलों से ऊपर के नेता” हैं जिनकी चार–चार पीढ़ियां सत्ता में रहीं, लेकिन उन्हें बूथ और संगठन की ज़मीनी समझ नहीं है। उन्होंने कहा, “नाच न जाने, आंगन टेढ़ा” वाली कहावत कांग्रेस पर फिट बैठती है – संगठन नहीं, बूथ लेवल मीटिंग नहीं, हल्का–जिला स्तर की बैठक नहीं, फिर भी आरोप लगाने की राजनीति हो रही है, जबकि जीत–हार संगठन और मेहनत से तय होती है।
करनाल अनाज मंडी के फर्जी गेट पास घोटाले पर सख्त रुख
करनाल अनाज मंडी में धान के फर्जी गेट पास घोटाले के मामले में हुई गिरफ्तारियों और मंडी सेक्रेटरी आशा रानी तक का नाम आने पर कृषि मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार द्वारा बनाए गए कानून किसान की सुविधा के लिए हैं, लेकिन यदि कोई उनका दुरुपयोग करता है तो उसे “बख्शा नहीं जाएगा।”
उन्होंने कहा कि संबंधित मामले में एफआईआर दर्ज हो चुकी है और वेरिफिकेशन के बाद दोषियों को किसी भी तरह की छूट नहीं दी जाएगी। जब उनसे पूछा गया कि सेक्रेटरी तक इनवॉल्व होने की बात सामने आ रही है, तो उनका जवाब था, “उसमें कोई भी है, कोई अधिकारी है – कोई बक्सा नहीं जाएगा, सब पर कार्रवाई होगी।”
हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी में पत्रिका विमोचन
महाराणा प्रताप हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी पहुंचने पर कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने हरियाणा बागवानी से संबंधित पत्रिका/मैगज़ीन का विमोचन भी किया। इस दौरान हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर और वाइस चांसलर मंच पर मौजूद रहे और प्रदेश में बागवानी, प्राकृतिक खेती और किसानों की आय बढ़ाने के लिए चल रही योजनाओं पर चर्चा हुई।
कुल मिलाकर, करनाल दौरे के दौरान कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने जहां प्राकृतिक खेती और ऑर्गेनिक कृषि को बढ़ावा देने के संकल्प को दोहराया, वहीं मंडी घोटाले पर कड़ा संदेश देते हुए साफ कर दिया कि सरकार की योजनाओं का दुरुपयोग करने वालों पर “सख्त से सख्त कार्रवाई” होगी।