करनाल: हरियाणा के करनाल ज़िले में इंद्री क्षेत्र के नज़दीक स्थित खालसा गांव की शिवपुरी इन दिनों श्रद्धालुओं के लिए खास आकर्षण का केंद्र बनी हुई है, जहां भगवान शिव की लगभग 40 फुट लंबी और भव्य प्रतिमा स्थापित की गई है। करनाल शहर से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित इस शांत गांव में बनी यह विशाल प्रतिमा दूर–दूर से आने वाले भक्तों के लिए आस्था और पर्यटन, दोनों का ही अनोखा संगम पेश कर रही है।
शिवपुरी में बनी भव्य मूर्ति, लाइव दर्शन के लिए उमड़ रही भीड़
वीडियो में दिखाया गया है कि गांव के बाहर स्थित शिवपुरी परिसर में खुले आसमान के नीचे भगवान शिव की 40 फुट लंबी प्रतिमा स्थापित है, जो दूर से ही आकर्षित करती है। प्रतिमा को इस तरह तैयार किया गया है कि भक्त दूर से ही भोलेनाथ के दिव्य स्वरूप के दर्शन कर सकें और पास जाकर धूप–दीप, जलाभिषेक और प्रार्थना कर सकें।
करनाल–इंद्री बेल्ट में नया धार्मिक स्पॉट
लोकल स्तर पर इस शिवपुरी को करनाल–इंद्री रोड बेल्ट का एक उभरता हुआ धार्मिक स्पॉट माना जा रहा है, जहां अब रोज़ाना आसपास के गांवों, कस्बों और शहरों से लोग परिवार सहित दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, शिवपुरी परिसर में समय–समय पर भजन–कीर्तन, सावन महीना, महाशिवरात्रि और अन्य पर्वों पर विशेष पूजा–अर्चना और लंगर का आयोजन भी किया जाता है, जिससे यहां का धार्मिक माहौल और जीवंत हो जाता है।
सरल पहुंच, गांव की पहचान बनी प्रतिमा
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे विज़ुअल्स में बताया गया है कि यह शिवपुरी करनाल से लगभग 30 किमी की दूरी पर स्थित है और सड़क मार्ग से यहां तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। गांव के लोगों का कहना है कि भगवान शिव की इस विशाल प्रतिमा ने खालसा गांव को एक नई पहचान दी है और अब लोग इस स्थान को खास तौर पर भोले बाबा की शिवपुरी के नाम से जानने लगे हैं।
श्रद्धालुओं के लिए आस्था और सुकून की जगह
स्थानीय श्रद्धालुओं के मुताबिक, गांव की शांत वातावरण वाली यह शिवपुरी केवल मंदिर या मूर्ति भर नहीं, बल्कि मानसिक सुकून और आध्यात्मिक शांति का केंद्र बन चुकी है। कई लोग बताते हैं कि वे यहां आकर ध्यान लगाते हैं, परिवार के साथ बैठकर कुछ समय शांत वातावरण में बिताते हैं और इसे शहर के शोर–शराबे से दूर एक पवित्र और सुकून भरी जगह मानते हैं।
जो भी श्रद्धालु करनाल–इंद्री क्षेत्र से गुजरते हैं, उनके लिए यह शिवपुरी और भगवान शिव की 40 फुट लंबी विशाल प्रतिमा, दर्शन और आध्यात्मिक अनुभव के लिए एक खास ठिकाना बन चुकी है।