न्यू चार चमन इलाके में तकरीबन 80 वर्षीय बुजुर्ग मंगतराम का देहांत हुआ, मंगतराम जो काफी दिनों से बीमारी की हालत में थे, जिनकी देखरेख उनकी पुत्रवधु नीतू अरोड़ा पिछले काफी वर्षों से एक बेटे की तरह कर रही थी जबकि उनका ईकलौता बेटा हर्षदीप उनके साथ न रह कर करनाल से बाहर किसी दूसरी महिला के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रह रहा है। जिस कारण घर मे तनाव था। इसी के चलते मंगतराम ने अपनी सारी संपत्ति अपनी पुत्रवधू व अपनी दो पोतियों के नाम करके अपने बेटे को बेदखल कर दिया व एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए अपनी मौत के बाद मुखाग्नि का अधिकार भी अपनी पुत्रवधू को दिया जिस के चलते उनकी मौत पर आज पुत्रवधू ने जिम्मेदारी निभाते हुए अपने ससुर को मुखाग्नि दी। मौके पर उपस्थित सभी ने बडी नम आंखों से इस दृश्य को देखते हुए अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी। यह उन बेटे के लिए सबक है जो जीते जी अपने मा बाप को लावारिस छोड़ देते हैं और उन बेटियों के लिये प्रेरणा है जो अपने सास ससुर को अपने मां बाप का दर्जा देते हुए उनकी सेवा करती हैं धन्य है वह बेटीयां और धन्य वह मां बाप जिन्होंने ऐसी बेटियों को जन्म दिया !