अटल मिशन फॉर रिजूविनेशन एंड अर्बन ट्रांसफोरमेशन (अमृत) के तहत शहर के विकास से जुड़ी सीवरेज और स्ट्रोम वाटर डिस्पोजल जैसी दो महत्वपूर्ण परियोजनाएं प्रगति पर चल रही हैं। निगम आयुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने सोमवार देर सांय विकास सदन में आयोजित एक बैठक में परियोजनाओं पर कार्य कर रही एजेंसी मैसर्स टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड तथा के.के.एस.आई.एल.-त्रिवेणी जे.वी. के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक कर अब तक हुई प्रगति की समीक्षा की। बैठक में इन कार्यों की ड्राईंग व डिजाईन बनाने वाली एजेंसी वैबकॉस के कंसल्टेंट के अतिरिक्त नगर निगम के मुख्य अभियंता अनिल मेहता, कार्यकारी अभियंता महेन्द्र सिंह, सहायक इंजीनियर लख्मी चंद राघव तथा जे.ई. राज कुमार व कुलभूषण भी उपस्थित थे
गौर हो कि अमृत के तहत करनाल मेें सीवर लाईन डालने व सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने के कार्य हो रहे हैं। अनुमानित 178 करोड़ रूपये लागत की यह महत्वपूर्ण परियोजना अगले वर्ष 2019 तक पूरी होगी। इसमें 208 किलोमीटर लम्बाई की सीवर लाईने बनेंगी जबकि सैदपुरा, गुरूनानकपुरा और रामपुरा कटाबाग सहित 3 पम्पिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। इसके अतिरिक्त 20 एम.एल.डी. क्षमता का फूसगढ़ में तथा 8 एम.एल.डी. का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट शिव कॉलोनी में बनेगा।
बैठक में इस कार्य की समीक्षा करते हुए आयुक्त ने बताया कि सर्वे का कार्य तीन महीने में पूरा किया गया था, उसके बाद परियोजना पर पाईप लाईन डालने का कार्य चल रहा है। उन्होने बताया कि वैवकॉस कंसल्टेंट से डिजाईन व ड्राईंग अप्रूव करवाकर ही सीवर ड्रेन ओर उसमें पाईप डाले जा रहे हैं। इसके तहत हकीकत नगर, महावीर कॉलोनी व डब्ल्यू.जे.सी. के साथ पश्चिमी बाईपास एरिया में पाईप लाईन डालने का कार्य चल रहा है। प्रत्येक 20 मीटर की दूरी पर एक मेन होल बनाया जा रहा है। कॉलोनियों का पानी मेन गली में और मेन गली से मेन सीवर लाईन में जाएगा। इससे शहर की सभी विशेषकर बाहरी कॉलोनियों में सीवरेज निकासी की समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगी। उन्होने बताया कि पाईप लाईन डालने के साथ-साथ एस.टी.पी. पर भी चालू मास फरवरी में कार्य शुरू कर दिया गया था। इस परियोजना के पूरा होने से शहर की बाहरी करीब 40 कॉलोनियों को लाभ पहुंचेगा।
बैठक में अमृत के तहत ही बरसाती जल निकासी के लिए ड्रेन बनाए जाने की महत्वपूर्ण परियोजना के तहत चल रहे कार्य की भी समीक्षा की गई। आयुक्त के अनुसार करीब 84 करोड़ रूपये की यह परियोजना भी अगले वर्ष 2019 के प्रारम्भ में पूरी होगी, ऐसी उम्मीद है। इसके तहत 50 किलोमीटर लम्बाई का नाला बनाया जाएगा। उन्होने बताया कि इस परियोजना के तहत नगर निगम के क्षेत्र कैलाश ओर फूसगढ़ एरिया में काम चल रहे हैं। शहर की बाहरी परिधी पर बसे 13 गांव और लगभग 25 कॉलोनियों को इस परियोजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त होगा।
आयुक्त ने बैठक में उपस्थित निर्माण एजेंसियों के प्रतिनिधियों से कहा कि वे कार्य में तेजी लाएं तथा निश्चित समयावधि में ही इसे पूरा करें। उन्होने यह भी कहा कि वे निगम अधिकारियों के साथ समन्वय बनाए रखें तथा भविष्य में भी नियमित बैठकें कर कार्यों की समीक्षा की जाती रहेगी।