करनाल (भव्य नागपाल): पिछले काफी महीनों से पाकिस्तान के ओर से चल रहे सीज़फायर उलंघन की घटनाएँ बदस्तूर जारी हैं। जहाँ एक तरफ सेना द्वारा कश्मीर में चलाए गए आपरेशन “आॅल आऊट” ने कहीं हद तक कश्मीर में पनप रहे आतंकवाद की कमर तोड़ी है, वहीं दूसरी तरफ सीमा पर लड़ रहे हमारी वीर सैनिकों का लगातार शहीद होना भी जारी है। रवीवार को जम्मू कश्मीर के राजौरी और पुंछ जिलों में नियंत्रण रेखा से लगते इलाकों में पाकिस्तान की ओर से की गयी जबरदस्त गोलीबारी में सेना के एक अधिकारी और तीन जवान शहीद हुए थे जबकि दो नाबालिग समेत चार लोग घायल हो गए।
सोमवार को दिल्ली के पालम हवाई अड्डे पर रक्षा मंत्री समेत आर्मी चीफ और बड़े अधिकारीयों की मौजूदगी में सैनिकों के पार्थिव शरीर पहुँचे। शहीद हुए सैनिकों में गुरूग्राम के पटैदी ब्लाक के गांव रनसिका निवासी कैप्टन कपिल कुंडू भी शामिल थे जो इसी माह की 10 तारीख को 23 साल के होने वाले थे। देर रात कैप्टन को नम आँखों से अन्तिम विदाई दी गई। साथ ही कुपवाड़ा में शहीद हुए बसाना गांव के मोनू का पार्थिव शरीर सोमवार दोपहर बाद गांव पहुंचा। पूरे गांव की आंखों में आंसू थे पर बेटे की शहादत पर सभी गर्व कर रहे हैं। मोनू सेना की सिंगल कौर में तैनात थे।
उन्हें 26 जनवरी की शाम कैंप पर हुए हमले में आतंकवादियों से मुकाबले करते हुए गोली लगी थी। इसके बाद उसका शनिवार को दिल्ली के आर्मी हॉस्पिटल में इलाज के दौरान देहांत हो गया। सोमवार शाम करीब साढ़े छह बजे पूरे राजकीय सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर, सांसद दीपेंद्र हुड्डा, कलानौर की विधायक शकुंतला खटक, अतिरिक्त उपयुक्त अजय कुमार, डीएसपी रोहताश सिंह आदि मौजूद रहे।