December 23, 2024
sept9.2

करनाल/दीपाली धीमान: कई वर्षों से पार्टी के लिए दिन-रात एक करने वाले भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और स्वच्छ भारत मिशन हरियाणा के वाइस चेयरमैन सुभाष चंद्र आज बेहद भावुक अंदाज में नजर आए। तरावड़ी में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में बोलते हुए उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े और उन्होंने मंच पर खड़े होकर कार्यकर्ताओं से हाथ जोड़कर कहा कि उनकी अपेक्षाओं को वह पूरा नहीं कर पाए इसका उन्हें दुख है लेकिन राजनीति से बड़ी पार्टी और संगठन होता है।

उन्होंने नीलोखेड़ी हल्के ही नहीं बल्कि प्रदेश भर में लोगों को पार्टी से जोड़ने के लिए दिन-रात एक कर दिया और इसके लिए अपने घर व परिवार की भी कभी चिंता नहीं की। जब भी पार्टी ने कोई आदेश दिया उसे तत्परता से पूरा किया और हमेशा देश, पार्टी और कार्यकर्ताओं को सर्वोपरि माना है। ना मैं पार्टी से अलग हूं और ना पार्टी मुझसे अलग है, कार्यकर्ता ही मेरी असली ताकत है।

सुभाष चन्द्र ने कहा कि पिछली बार भी उन्होंने पार्टी से टिकट के लिए निवेदन किया था लेकिन हाई कमान ने उन्हें अभी और काम करने के लिए कहा जिसे उन्होंने बखूबी निभाया। अपना खुद का परिवार भूल कर वे पिछले 8 साल से नीलोखेड़ी हलके के एक-एक घर में परिवार के सदस्य की तरह उनके सुख-दुख में शामिल होते रहे है। तमाम उतार-चढ़ावों के बावजूद कार्यकर्ताओं को पार्टी से जोड़ कर रखा, पार्टी मेरी मां है। उन्हें गर्व है कि वह एक ऐसी पार्टी के कार्यकर्ता हैं जिसके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मनोहरलाल और नायब सैनी जैसे नेता हैं।

सुभाष चंद्र ने यह भी कहा कि पार्टी का उन पर एहसान है कि इसने उन्हें एक बड़ा मंच दिया और स्वच्छ भारत मिशन का चेयरमैन बनाया। उन्होंने भी पार्टी की अपेक्षाओं पर खरा उतरते हुए इस मिशन को हरियाणा प्रदेश के घर-घर तक पहुंचाया जिस कारण प्रदेश ने कई स्वच्छता सर्वेक्षणों में अनेक अवार्ड हासिल किये।

सुभाष चंद्र ने मंच से कार्यकर्ताओं को संदेश देते हुए कहा कि जो भी हुआ उसे भूल कर आगे सब लोग पार्टी की मजबूती के लिए काम करें और यहां से कमल खिलाकर भेजें। सुभाष चन्द्र की इस बात पर सभी कार्यकर्ताओं ने हाथ उठाकर आश्वस्त किया कि वे उनके निर्णय के साथ है और पार्टी की मजबूती के लिए काम करेंगे।

इस अवसर पर हल्के भर से आए सरपंच, पूर्व सरपंच, ब्लॉक समिति सदस्य अध्यक्ष, धार्मिक, सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों व मातृ शक्ति ने अपने विचार व्यक्त किये और कमल खिलाने का संकल्प लिया।

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