हरियाणा सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर ने कहा कि नेता जी सुभाष चन्द्र बोस, आजाद हिन्द फौज के वीरों सहित देश के अन्य राष्ट्र भक्तों व शहीदों के बलिदान की बदौलत ही आज हम आजादी की खुली हवा में सांसे ले रहे है। ऐसे महान देश भक्तों को सलाम करते है, आज पूरे प्रदेश में हरियाणा सरकार की ओर से आजाद हिन्द फौज के सैनानियों एवं शहीदों को याद किया जा रहा है और उन्हें याद करना हमारा फर्ज है।
मंत्री मनीष ग्रोवर मंगलवार को नेता जी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत कर रहे थे। मंत्री ने इससे पहले नेता जी सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके नमन किया। इस अवसर पर केडीबी के मानद सचिव अशोक सुखिजा, भाजपा के जिला अध्यक्ष जगमोहन आनन्द, भाजपा के अन्य पदाधिकारी योगेन्द्र राणा, प्रवीन लाठर, शमशेर नैन, दीपक धवन, जयपाल वाल्मीकि, अमृत लाल जोशी, निर्मला बैरागी, मीना चौहान, अशोक जैन, विक्रम सिंह, राज सिंह चौहान तथा प्रशासन की ओर से एसडीएम करनाल नरेन्द्र पाल मलिक, नगर निगम के ईओ धीरज कुमार, नायब तहसीलदार राजबक्श सहित शहर के गणमान्य व्यक्तियों ने भी नेता जी सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करके नमन किया।
सहकारिता मंत्री ग्रोवर ने कहा कि महान देश भक्त नेता जी सुभाष चन्द्र बोस ओजस्वी वक्ता एवं दृढ़-प्रतिज्ञ थे। उन्होंने संगठन शक्ति त्याग और बलिदान का उच्च आदर्श दुनिया के सामने प्रस्तुत किया। राष्ट्र निर्माताओं में उनका नाम बडे आदर व सम्मान के साथ लिया जाता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल देश भक्तों के दिखाए रास्ते पर चलते हुए देश व प्रदेश को आगे बढ़ा रहे है। हमें भी महापुरूषों एवं राष्ट्र भक्तों के दिखाए हुए रास्तों पर चलना चाहिए और राष्ट्र के नवनिर्माण में अपना योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा महापुरूषों व देश भक्तों की जयंती व उनके बलिदान दिवस को मनाकर युवा पीढ़ी में देश भक्ति की भावना पैदा करने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा सैनिक व अर्धसैनिकों के भलाई के लिए अनेक जन कल्याणकारी योजनाए चलाई गई है। द्वितीय विश्व युद्ध के भूतपूर्व सैनिकों तथा उनकी विधवाओं जिन्हें कोई पेंशन नही मिल रही, कि आर्थिक सहायता राशि 1500 रुपये से बढ़ाकर 10 हजार रुपये मासिक की है। युद्ध के दौरान शहीद हुए सैनिकों व अर्धसैनिकों की अनुग्रह अनुदान राशि 2.50लाख से बढक़र 50 लाख रुपये की गई है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान अब तक शहीद सैनिकों के 184 आश्रितों को अनुकम्पा के आधार पर सरकारी नौकरियां प्रदान की गई है।