सोमवार को ई.ओ. धीरज कुमार की उपस्थिति में नगर निगम परिसर में इसकी लॉन्चिंग के अवसर पर टीम के कलाकारों ने स्वच्छता गीत पर एक्शन कर अपनी प्रस्तुती दी। लघु कार्यक्रम में एक गीत व जिंगल पर कलाकारों के भावपूर्ण नृत्य और संवाद के जरिए इसे देखने वाली नागरिकों की भीड़ को समझाने का प्रयास किया गया है। स्वच्छता गीत के साथ जैसे ही कार्यक्रम शुरू होता है, कलाकार अपने शहर को स्वच्छ रखने के लिए इसकी पक्तियों को गाते हुए दिखाई देते हैं, हालांकि गीत प्ले बैक में रहता है। प्रस्तुती में गीत के बोल जन-जन हो खुशहाल, स्वच्छ बने अपना करनाल। स्वच्छता होगी चारों और, होगा यह कमाल, दर्शकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में कामयाब दिखाई देते हैं।
तीन भागों की इस प्रस्तुती में गीत के बाद कलाकार बाजार में एक दुकान से सामान खरीदते ग्राहक का सीन पेश करते हैं। इत्तेफाक से दुकान के आगे कुछ कचरा पड़ा होता है, जिस पर नजर पड़ते ही वह दुकानदार से सामान खरीदने से मना कर देता है। इस दृश्य में दुकानदार को क्षणिक बुरा लगता है, लेकिन साफ-सफाई रखने के संदेश को समझने में वह देर नहीं करता और झट से कचरा अपने हाथ से उठाकर डस्टबीन में डालता है। ग्राहक के रूप में कलाकार उसमें सूखे और गीले कचरे को अलग-अलग डस्टबीन में डालने की जानकारी भी देता है। इसी भाग में दो महिला कलाकारों के सीन को भी जोड़ा गया है। दृश्य में एक महिला अपने परिवेश में गंदगी के ढेर को देखकर दूसरी से कहती है क्या करूं, इसका निपटान कैसे हो। प्रत्युतर में दूसरी महिला कहती है कि क्यों परेशान होती हो, स्वच्छता एप डाउनलोड करो और नगर निगम में इसकी शिकायत भेजो, गंदगी का समाधान हो जाएगा। शिकायताकर्ता महिला ऐसा ही करती है।
कार्यक्रम का तीसरा भाग जिंगल का है, जिसमें स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 के निहित संदेश का बखूबी प्रस्तुत किया गया है। अपने शहर को साफ रखने के लिए नागरिकों के क्या कर्तव्य हैं, उनकी याद दिलाकर जागरूक करने का प्रयास किया गया है। हरियाणा स्कूल ऑफ ड्रामा के कलाकार कोशलेश, राजेश व रवि के निर्देशन में गीत की कम्पोजिशन, सवंाद लेखन और एक्शन लिए गए हैं।
ई.ओ. के अनुसार युवा कलाकारों की टीम मंगलवार से ही शहर के भीड़-भाड़ वाले ईलाकों में जाकर कई दिनों तक इस कार्यक्रम को प्रस्तुत करेगी, ताकि अधिक से अधिक लोगों को जागरूक कर सकें।