स्कूल शिक्षा विभाग हरियाणा द्वारा केरल में जिला अलैप्पी के तटवर्ती गांव अर्थुंकल में 23 से 29 दिसंबर तक आयोजित समुद्र तटीय अध्ययन शिविर में करनाल जिला के गांव गंगाटेहड़ी पोपड़ा स्थित राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की दस प्रतिभावान छात्राओं ने हिस्सा लिया और शिविर की विभिन्न गतिविधियों में शानदार प्रदर्शन करके सुदूर दक्षिण भारत के राज्य में करनाल जिला व हरियाणा प्रदेश का नाम रोशन किया।
शिक्षा विभाग के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. राम कुमार के संयोजन में केरल में आयोजित समुद्र तटीय अध्ययन शिविर में प्रदेश के विभिन्न जिलों की 225 प्रतिभाशाली छात्राओं ने शिरकत की। शिविर में जिला के गांव गंगाटेहड़ी पोपड़ा स्थित राजकीय कन्या स्कूल की शिल्पा, अनु, सुशीला देवी, कोमल, शीतल, नेहा, कविता, खुशी, रूबी व प्रियंका ने हिस्सा लिया। डीओसी स्काउट सिया राम, हिन्दी प्राध्यापक अरुण कैहरबा, अध्यापक महिन्द्र कुमार व राजेन्द्र कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि शिविर में अनेक प्रकार की गतिविधियां आयोजित की गई। विद्यार्थियों को अरब सागर के तट पर घूमने, समुद्र व इसके जीव-जंतुओं के बारे में जानने, मुछुआरों से बातचीत करने, तट से सीपीयां, शंख सहित अनेक प्रकार की सामग्री एकत्रित करने का मौका मिला। शिविर के दौरान स्थानीय लोगों से संवाद करने, लोक कलाएं सीखने व सिखाने का भी मौका मिला।
डॉ. राम कुमार व अरुण कैहरबा ने बताया कि केरल की छात्राओं के साथ हरियाणा की छात्राओं द्वारा केरल का लोक नृत्य करना और दोनों प्रदेशों की छात्राओं द्वारा मिलकर हरियाणवी लोक नृत्य करना आकर्षण का केन्द्र रहा। शिविर में करनाल की छात्राओं ने भी शानदार प्रदर्शन किया।
कोमल, शिल्पा व खुशी ने बताया शिविर के दौरान उन्होंने अरब सागर देखा। सागर के तट से अनेक प्रकार के शंख व सीपियां एकत्रित की। समुद्री जीव-जंतुओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। तटवर्ती जनजीवन से परिचय पाया। केरल के लोगों की शिक्षा, सादगी, बेटा-बेटी समानता, सांस्कृतिक विरासत ने उन पर अमिट छाप छोड़ी। वे केरल की अपनी इस यात्रा को भुला नहीं पाएंगी। सुशीला, शीतल, कविता व रूबी ने कहा कि उन्होंने केरल जाने के बारे में वे सोच भी नहीं सकती थी। उन्होंने इसके लिए हरियाणा विद्यालय शिक्षा विभाग का आभार व्यक्त किया।
फोटो कैप्शन:-केरल में अलैप्पी जिला के गांव अर्थुंकुल में समुद्र तटीय अध्ययन शिविर के समापन समारोह में करनाल की टीम को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित करते कार्यक्रम अधिकारी डॉ. राम कुमार।