हरियाणा पुलिस अकादमी के निदेशक केके सिंधु की प्रेरणा से सरदार वल्लभ भाई पटेल सभागार में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सहयोग से राज्यस्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन करते हुए जिला न्यायवादी राजेश कुमार ने कहा मानवाधिकारों का संरक्षण आज के समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। तेजी से बदलती दुनिया में अपराध का स्वरूप बदल रहा है। ऐसे में अपराधी मानसिकता की पहचान और उसका निदान पुलिस बल के लिए बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान न्याय के मौलिक अधिकारों की गारंटी है। लेकिन वैश्विक समय में मानवाधिकारों की रक्षा संयुक्त राष्ट्र संघ का बड़ा उद्देश्य है। आज दुनिया के विविध राष्ट्रों में राज्य प्रयोजित आतंकवादी समूहों का सामना सुरक्षा बल कर रहा है। उन्होंने कहा कि सीमाओं से ऊपर उठकर पुलिस बल के जवान समाज की रक्षा के लिए कुर्बानी देते हैं, लेकिन मानवाधिकार की आड़ में देशद्रोही जवानों और अधिकारियों के लिए संवैधानिक संकट पैदा करने की कौशिश करते हैं।
ऐसे में हमें जवानों के मनोबल को सुदृढ़ करना होगा। विषय प्रवर्तन करते हुए संस्कृतकर्मी राजीव रंजन ने कहा कि पुलिस अनुसंधान संपूर्ण रूप से वैज्ञानिक सरोकारों का निष्पादन है। वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर अनुसंधान अधिकारी न्याय की प्रक्रिया का हिस्सा हैं। उन्होंने मानवाधिकार आयोग के दिशा-निर्देश को संदर्भित करते हुए गिरफ्तारी के दौरान यदि किसी की मृत्यु होती है तो ऐसे में न्यायिक जांच अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम तीन डॉक्टरों का पैनल करेगा और पूरी प्रक्रिया का वीडियोग्राफी करवाई जाएगी। यह कार्रवाई जनसामान्य के प्रति न्याय की वैधता को विश्वसनीय तरीके से अंगीकृत करने का व्यवहार है। साइबर युग में अपराध का स्वरूप तेजी से बदल रहा है। ऐसे में पुलिसकर्मियों को इस तरह की कार्यशालाओं के माध्यम से तकनीक से संपन्न बनाने का निरंतर अभियान चलाना होगा। जिससे पुलिसकर्मी सूचनाओं के आदान-प्रदान और अनुसंधान में तकनीकी का बेहतर इस्तेमाल कर सकें।
उप न्यायवादी अजय कुमार ने कहा कि पुलिसकर्मी विविध चुनौतियों का सामना करते हैं। ऐसे में हमें उनके चुनौतियों के प्रति भी संवेदनशील होना होगा। सीपीटी इंचार्ज ओमप्रकाश ने कहा कि पुलिस सामुदायिक हिस्सेदारी के बिना मानवाधिकारों की रक्षा नहीं कर सकती। कोर्स कॉर्डिनेटर रामकुमार ने कहा कि पूरे हरियाणा से 55 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। जिसमें सभी जिला पुलिस कमांडो एचएपी, आइआरबी और रेलवे के कर्मचारी व अधिकारी शामिल हैं। सह कोर्स कॉर्डिनेटर दर्शन मलिक ने कहा कि कार्यशाला में हिस्सा ले रहे पुलिसकर्मियों का अनुभव और संस्मरण कार्यशाला के लिए उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि कार्यशाला का समापन 29 दिसंबर को शाम तीन बजे होगा। कार्यशाला के आयोजन में उप निरीक्षक तरसेम, नरेंद्र आदि की सक्रिय भूमिका रही।