करनाल/कीर्ति कथूरिया : आशा वर्कर यूनियन के बैनर तले करनाल जिला की आशा वर्कर सीएम आवास से कुछ दूरी पर 24 घंटे महापड़ाव पर बैठ गई। गुरुवार को प्रदर्शन करके महापड़ाव का समापन किया जाएगा। न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए देने की प्रमुख मांग सहित अन्य मांगों को लेकर आशा वर्कर पिछले 72 दिनों से हड़ताल पर चल रही हैं।
महापड़ाव की अध्यक्षता जिला प्रधान कविता ने की और सचांलन जिला सहसचिव रोशनी ने किया। इस मौके पर सीटू जिला प्रधान सतपाल सैनी, जगपाल राणा, ओपी माटा, सुशील गुर्जर व सेवा राम ने कहा कि सरकार आशा वर्करों की हड़ताल के प्रति 72वें दिन तक भी चुप्पी साधे हुए है।
जिला प्रधान कविता व सुदेश ने सरकार से अपील की कि आशा वर्करों से बातचीत करके उनकी मांगों का तुरंत समाधान करे। उन्हें हड़ताल करने पर सरकार और स्वास्थय विभाग की हठदर्मिता ने ही मजबूर किया है।
आशा वर्कर 26 हजार रुपए न्यूमतम वेतन देने और वर्कर को कर्मचारी का दर्जा देकर पेंशन का प्रबंध करने की मांग को प्रमुख तौर पर उठा रही हैं। साथ ही ईएसआई व ईपीएफ का लाभ देने, रिटायरमेंट की उम्र 65 साल करने व ऑनलाईन काम न करवाने की मांग भी कर रही हैं।
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ व महिला सशक्तिकरण पर लंबे चौड़े भाषण तो देते हैं, परंतु बेटियों व महिलाओं की बात तक नहीं सुनते। सरकार की इस तानाशाही से आशा वर्करों में सरकार के खिलाफ गुस्सा बढ़ रहा है।
इस अवसर पर सुदेश रानी, ओपी माटा, जगपाल राणा, सतपाल सैनी, नीरू, शोभा, सुनीता, कांता, सलमा, निशा, ममता, लक्ष्मी, सुमन, सीमा नीलोखेड़ी, निर्मला, किरण व जरासो ने आशा वर्करों को संबोधित किया।