करनाल/कीर्ति कथूरिया : उप सिविल सर्जन (टी॰बी॰) डा. सिम्मी कपूर ने बताया कि टीबी रोगियों को सामुदायिक सहायता प्रदान करने के अंतर्गत टी0बी0 के मरीजों को गोद लेने की कड़ी में आरएमओ डा. सतविन्दर, अतिरिक्त वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डा. प्रदीप सिंह, चिकित्सा अधिकारी डा. मनीष, चिकित्सा अधिकारी डा. मीनाक्षी, चिकित्सा अधिकारी डा. मिथलेश यादव, चिकित्सा अधिकारी डा. दीपक गोयल तथा डीपीसी कमल द्वारा कुल 7 टी॰बी॰ के मरीजों को गोद लिया गया।
इस अवसर पर टी॰बी॰ के मरीजों को प्रोटीन युक्त खादय पदार्थ वितरित किये गए।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में करनाल जिले में 2400 टी॰बी॰ के मरीजों का इलाज चल रहा है जिनको गोद लेकर प्रोटीन युक्त खादय पदार्थ वितरित किये जाने है। जिसके लिए समाज सेवी संस्थाओं से अपील है कि वह इस मुहीम में अपना योगदान दें ताकि टी॰बी॰ मुक्त भारत के लक्ष्य को पूरा किया जा सके।
उप-सिविल सर्जन ने आमजन से अपील की कि यदि किसी व्यक्ति में टी॰बी॰ के लक्षण पाए जाते है तो वह नजदीक स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर जाचं व ईलाज करवाएं। सभी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर टी॰बी॰ से सम्बध्ंिात जाचॅ व ईलाज मुफत में किया जाता है। इसलिए इसके लिए मरीजों को जागरूक करना बहुत आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा टी॰बी॰ को नोटिफाइबल डिजिज घोषित किया गया है, जिसके अन्तर्गत सभी प्राईवेट हस्पतालोंध्क्लीनिक एवं लैब को टी॰बी॰ के केसिज को रिपोर्ट करना आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि जिला करनाल में 6 क्षय रोग विभाग हैं तथा 15 जगह बलगम के जांच केन्द्र हैं जहां पर मरीजों के बलगम की निःशुल्क जांच की जाती है । भारत सरकार द्वारा निक्षय पोषण योजना के अन्तर्गत टी॰बी॰ मरीजों को पोषण हेतु 500 रुपये प्रतिमाह देने का प्रावधान किया गया है ।
एनटीईपी के अन्तर्गत नये टी॰बी॰ मरीजों की सूचना देने तथा उनकी बलगम की जांच करवाने उपरान्त टी॰बी॰ पाये जाने पर सूचना देने वाले को 500 रुपये प्रति मरीज देने का प्रावधान है ।
उपरोक्त अभियान को सफल बनाने में स्नेह पीपीएम कमल डीपीसी व पूरे स्टाफ का महत्वपूर्ण योगदान रहा।