करनाल/कीर्ति कथूरिया : सिविल सर्जन करनाल डॉ. योगेश शर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से 1 मई से 10 मई तक रैपिड फीवर सर्वे करवाया गया, जिसके तहत स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने घर-घर जाकर लोगों को मलेरिया से बचाव के लिए जागरूक किया। उन्होंने बताया कि जिला में 235 टीमों का गठन किया गया है।
प्रत्येक टीम में एम0पी0एच0एस, एम0पी0एच0डब्ल्यु0, ए0एन0एम0 व आशा शामिल है। करनाल शहरी क्षेत्र में भी पांच टीमों का गठन किया गया है। ये टीमें घर-घर जाकर कूलर, टंकी, गमले, घड़े चैक कर रही है तथा लोगों को मलेरिया व डेंगू से बचाव के संबध में जानकारी दे रही है।
उन्होंने बताया कि सर्वे के दौरान 332 घरों में मच्छर काला रवा पाया गया जिसके तहत 13 घरों को नोटिस दिया गया है। उक्त सर्वे के दौरान 8726 रक्त पटिट्काएं बनाई गई। इसके अतिरिक्त उक्त सर्वे के दौरान जिले में मौजूद सभी सरकारी दफ्तरों का निरीक्षण किया गया।
सिविल सर्जन करनाल ने बताया कि मलेरिया व डेंगू के बचाव के लिए छतों पर बेकार पडें खाली बर्तनों, टायरों टयूबों, डिब्बों, गमलो व अन्य पानी के स्त्रोतों इत्यादि मे से पानी निकलवा दें व उल्टा करके रखें ताकि उनमें पानी जमा न हो पाएं व खाली पडें टायरों में सुराख कर दें।
उन्होंने बताया कि घरों के आस पास पानी खडा ना होने दें। यदि किसी कारणवश पानी की निकासी न हो तो उसमें थोड़ा मिट्टी का तेल, काला तेल, डीजल इत्यादि डाल दें ताकि मच्छर का लारवा पनपने न पाएं। बुखार होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर खून की जांच अवश्य कराएं एवं चिकित्सक के परामर्श अनुसार ही दवाई लें।