प्रैस कांफैंस के अवसर पर दिनेश शर्मा ने कहा कि भारत गुरूओं-संतों का देश है। देश में भले ही कई समाज-जातियों व धर्मों से जुडे लोग है मगर भारत एकता और अखंडता का प्रतीक है। भारत को मुगलों और अत्याचारी शासकों से बचाने के लिए महान संतों और गुरूओं ने कुर्बानियां दी हैं। सिक्ख पंथ से जुडे महाने संत और गुरूओं ने हिंदु एवं ब्राह्मण समाज के लिए जो कुर्बानियां दी गई है उसे ब्राह्मण और हिंदु समाज कभी नहीं भूल सकता। नौंवे गुरू श्री गुरू तेग बहादुर जी ने ब्राह्मणों और हिंदुओं के धर्म की रक्षा के लिए जो शहादत दी उसके लिए यह ङ्क्षहदु समाज सदा उनका ऋणी रहेगा। क्योंकि उस समय हिंदुस्तान पर मुगलों का राज था और औरंगजेब ब्राह्मणों और हिंदुओ को जबरन मुसलमान बना रहा था तब कशमीरी पंडि़त और हिंदु महान संत श्री गुरूतेग बहादुर जी के पास गुहार लगाने आए थे
तब गुरू जी ने वचन दिया था कि वह उनके धर्म की रक्षा करेंगे। तब गुरू जी ने शर्त रखी कि औरंगजेब यदि उन्हें मुसलमान बना दे तो बाकि सभी भी मुसलमान बन जायेगें। यदि औरंगजेब उन्हें मुसलमान ना बना पाया तो वह हिंदुओं पर अत्याचार करना बंद कर देगा। लेकिन गुरू जी ने दिल्ली के चांदनी चौंक में अपनी शहादत दे दी। आज हिदुंओं और ब्राह्मणों का वर्चस्व श्री गुरू तेग बहादुर जी की वजह से कायम है। अत: अब ब्राह्मण समाज भी महान संत श्री गुरू तेग बहादुर जी की गाथा और उनके जीवन से जुड़े परिचय को हिंदुओं और ब्राह्मण समाज बीच ना केवल प्रचार करेगा बल्कि पूरे देश के मंदिरों में उनके चित्र भी स्थापित करेगा। हमारी मौजूदा पीढ़ी को यह मालूम हो सके कि आज अगर उनका वजूद है तो केवल महान संत श्री गुरू तेग बहादुर जी की कुर्बानी की वजह से। इसलिए अब श्री शनि शरणम् सेवा धाम के नेतृत्व में करनाल के मंदिरों से इसकी शुरूआत होगी। पूरे भारत में एक यात्रा निकाली जाएगी जो देश के बड़े-बड़े मंदिरों में महान संत श्री गुरू तेग बहादुर जी के ना केवल चित्र स्थापित करेगी बल्कि उनकी गाथा का प्रचार भी करेगी। श्री गुरू तेग बहादुर जी की जीवनी और उनकी शाहादत को घर-घर तक पहुंचाने का प्रयास किया जायेगा। हमारी नई पीढ़ी को यह मालुम होना चाहिए कि आज यदि उनका वजूद है तो किन वचह से है।