राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत् गरीब ग्रामीणों को गांव में ही संगठित करके रोजगार मुहैया करवाया जाता है ताकि वह अपनी आजीविका का साधन गांव में ही पाकर अपने कौशल को निखार सके। इस मिशन के तहत् गांव में ही गरीब परिवारों के स्वयं सहायता समूह बनाएं जाते है। समूह की मदद से गरीब सदस्यों को आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई जाती है। उपरोक्त जानकारी अतिरिक्त निशांत कुमार यादव, आईएएस ने दी।
उन्होंने बताया कि ग्रामीण आजीविका मिशन का मुख्य उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा समूहों को आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाकर या लोन दिलवाकर उन्हें समूह के जरियें उन्नत तथा समृद्ध बनाना है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से ग्रामीणें का जीवन स्तर काफी सुधर रहा है। आजीविका मिशन से जहां ग्रामीणें को गांव में ही आजीविका का साधन मिला है वहीं उनके व्यवहारिक जीवन में भी काफी बदलाव आया है।
गांव स्टौंडी में राष्ट्रीय ग्रामीण आजविका मिशन के तहत् समूह की महिलाओं की मदद से मिल्क कलेक्शन सैंटर दे रहा समाज को नई दिशा
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत् खण्ड घरौंडा की ग्राम पंचायत स्टौंडी में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की मदद से एक प्रोडृसर ग्रुप तैयार किया गया। जिसको तैयार करने की कार्ययोजना एनआरएलएम के कर्मचारी सतीश द्वारा तैयार की गई जिन्होंने वीटा कम्पनी वालों से बातचीत करके गांव स्टौंडी में 23 महिलाओं को अलग-अलग स्वयं सहायता समूह से लेकर एक प्रोडृसर ग्रुप तैयार किया, जिसने स्वच्छता पखवाड़े के दौरान गांव में मिल्क क्लेक्शन सैंटर की नींव रखी। इस मिल्क सैंटर का शुभारंभ अतिरिक्त उपायुक्त ने 11 अक्तूबर को स्टौंडी गांव में ही किया था उस समय इस मिल्क सैंटर पर दूध की क्लेक्शन मात्र 20 से 25 लीटर तक ही थी लेकिन अब ग्रुप की महिलाओं के सहयोग से यहां मिल्क क्लेक्शन दुगुना हो गया है। महिलाओं ने इस कलेक्शन सैंटर को मिल्क प्रोड्यूसर कमेटी के नाम से सोसायटी वीटा के तहत् रजिस्ट्रर भी करवाया हुआ है। जिसमें समूह की 23 महिला सदस्य जुड़ी हुई है।
एनआरएलएम के जिला कार्यक्रम प्रबन्धक जुबीन सालू ने बताया कि समूह की महिलाओं द्वारा इस मिल्क कलेक्शन सैंटर पर दूध फेंट के हिसाब से लिया जाता है, जिससे यहां उत्तम क्वालिटी का दूध इक्_ा होता है। उन्होंने बताया कि इस कलेक्शन सैंटर से समूह की महिलाओं को काफी लाभ मिल रहा हैं तथा समूह की आमदनी का जरिया भी बना हुआ है।
फोटो कैप्शन :- खण्ड घरौंडा के स्टौंडी में एनआरएल के तहत् बने मिल्क संैटर का दृश्य तथा दूध का सैंपल भरती समूह की महिला