करनाल। राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान में पिछले एक महीने से चल रहे हिन्दी चेतना मास की कड़ी में सोमवार को पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। इसमें संस्थान के वैज्ञानिकों, शोद्यार्थियों एवं तकनीकी अधिकारियों को हिन्दी चेतना मास के दौरान आयोजित की गई विभिन्न गतिविधियों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले 139 विजेताओं पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
संस्थान के निदेशक एवं अध्यक्ष, नराकास के अध्यक्ष डा. आरआरबी सिंह ने कहा कि विज्ञान, कृषि विज्ञान, शिक्षण एवं प्रशिक्षण को जन-मानस तक पहुंचाने का साधन राजभाषा हिन्दी ही है। उन्होंने सभी का आह्वान करते हुए कहा कि अन्य कार्यों के अतिरिक्त हिन्दी के प्रचार, प्रसार एवं कार्यान्वयन का दायित्व भी हमें मन से स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने हिन्दी चेतना मास के विजेताओं को बधाई दी और नकद पुरस्कार व प्रमाण-पत्रों से सम्मानित किया।
संयुक्त निदेशक अनुसंधान डा. बिमलेश मान ने संस्थान में राजभाषा के प्रयोग की स्थिति पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सभी अधिकारियों से इसके उत्तरोत्तर प्रचार-प्रसार की अपेक्षा पर बल दिया। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों से यह अपील की कि सभी अपना-अपना सरकारी कामकाज हिन्दी में निपटा करके अपने संवैधानिक कत्र्तव्यों का निर्वहन करें। डा. महेंद्र ङ्क्षसह ने कहा कि हिन्दी चेतना मास को राजभाषा उत्सव के रूप में मनाया जाना चाहिए।
सहायक निदेशक राजभाषा राकेष कुमार कुशवाहा ने हिन्दी पखवाड़े की रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने 14 सितम्बर से प्रारंभ हुए हिन्दी चेतना मास के दौरान हिन्दी शोध-पत्र व पोस्टर प्रदर्शन प्रतियोगिता, हिन्दी कार्यशाला, हिन्दी निबंध प्रतियोगिता एवं आशुभाषण प्रतियोगिता के आयोजन के साथ-साथ संस्थान में राजभाषा के प्रचार, प्रसार एवं कार्यान्वयन के संबंध में लागू योजनाओं एवं किए गए प्रयासों की जानकारी भी दी। समारोह में संस्थान के सभी प्रभागों एवं अनुभागों के अध्यक्षों एवं प्रभारी अधिकारियों ने भी बढ़-चढ़ कर भाग लिया।