सरकार और शिक्षा विभाग के अन्याय का शिकार हुए जेबीटी शिक्षकों ने अहोई अष्टमी का व्रत भी धरना स्थल पर ही मनाया। विधिपूर्वक कथा पढ़ी गई। कलशों पर 1259 जेबीटी को बहाल करो लिखकर सरकार से नौकरी देने की गुहार लगाई। हालांकि गत दिवस सीएम से हुई वार्ता के बाद ओएसडी ने आज शिक्षकों का अनशन खुलवाने के लिए आना था, लेकिन वह नहीं पहुुंचे। जानकारी के अनुसार ओएसडी अब 13 अक्तूबर को सुबह 10 बजे अनशनकारी शिक्षकों से मिलेेंगे और जूस पिला कर अनशन खुलवाएंगे। आमरण अनशन पर बैठी महिला शिक्षक पंकज रानी ने कहा कि वह 22 दिनों से पांच अन्य शिक्षकों के साथ अनशन पर बैठी हैं। सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ सप्ताह मना रही है। शिक्षकों को उम्मीद है कि सीएम के आश्वासन के तहत दीपावली तक उन्हें स्कूलों में नौकरी के लिए भेज दिया जाएगा। सर्वकर्मचारी संघ और किसान नेताओं ने धरना स्थल पर पहुंचकर जेबीटी शिक्षकों का जोश बढ़ाया। सर्वकर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष ओमप्रकाश सिहमार, सचिव कृष्ण शर्मा, ओमप्रकाश माटा और अशोक पांचाल ने कहा कि सर्वकर्मचारी संघ शिक्षकों के संघर्ष में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है। अब वह दिन दूर नहीं है जब शिक्षकों को नौकरी पर रख लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि 22 दिन पहले 17 शिक्षकों ने आमरण अनशन शुरू किया था। कर्मचारी नेताओं और साथी शिक्षकों के अनुरोध पर 11 शिक्षकों ने अनशन खोल दिया, लेकिन छह शिक्षक अब भी अनशन पर डटे हुए हैं। इस अवसर पर मुकेश डिडवानिया, राकेश जांगड़ा, सर्वप्रीत, जसमेर, बीर सिंह, राजकुमार, सोनू कुंडु, कुलदीप, पंकज रानी, सत्यवान, उषा व नीलम आदि मौजूद
रहे।