लंबे समय बाद हरियाणा पुलिस की गिरफ्त में आई हनीप्रीत पंचकूला पुलिस के लिए सिरदर्द बनती नजर आ रही है ! रिमांड पर सौंपे जाने के बाद भी वह पुलिस से पूछतछ में सहयाेग नहीं कर रही है, पहले दिन से ही वह पुलिस के सवालों का गोलमोल जवाब दे रही है। इससे परेशान पुलिस अब अगले कदम के बारे में सोच रही है !
बताया जा रहा है रिमांड के छह दिनों में हनीप्रीत का ऐसा ही रवैया रहा ताे पुलिस उसके लाइ डिटेक्टर और नारको टेस्ट के लिए कदम उठा सकती है। इसके लिए अदालत में याचिका दी जाने की तैयारी भी की जा रही है। पुलिस कमिश्नर एएस चावला का भी कहना है कि हनीप्रीत पुलिस से सहयाेग नही कर रही है और ऐसे में सारे विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।
जानकारों का कहना है कि पुलिस के पास फिलहाल कई ऑप्शन खुले हैं। इनमें लाइ डिटेक्टर और नारको टेस्ट भी शामिल हैं, लेकिन दोनों टेस्ट करवाना कोई नहीं है। इसके लिए हनीप्रीत की सहमति भी बहुत जरूरी है। पुलिस का कहना है कि हनीप्रीत पहले दिन से सवालों के गोलमोल जबाव दे रही है। हर सवाल को कम से कम 10 से 15 बार पूछना पड़ रहा है। पुलिस द्वारा हनीप्रीत से घुमा फिराकर सवाल पूछने पर भी वह कभी न में सिर हिला देती है तो कभी कह देती है कि मुझे कुछ याद नहीं।
हनीप्रीत से बुधवार रात को पुलिस द्वारा लगभग पांच घंटे पूछताछ की गई। तीन से चार बार ब्रेक देने के बाद भी हनीप्रीत पुलिस के काबू नहीं आ रही है। पुलिस द्वारा लगभग 50 सवालों की लिस्ट बनाई गई है। इसमें से 20 सवालों का ही हनीप्रीत द्वारा जवाब दिया गया है, वह भी गोलमाल। किसी भी ऐसे अहम सवाल का जबाव हनीप्रीत ने नहीं दिया, जिससे पुलिस हनीप्रीत को पुलिस कोर्ट में ट्रायल के दौरान दोषी ठहराने में सफल रह सके। हनीप्रीत केवल रुटीन के सवालों के ही जबाव दे रही है, जिससे उसे लगता है कि उस पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाएगी।
जिस प्रकार से हनीप्रीत पुलिस के सवालों को गोलमोल कर रही है, उससे एक बात साफ हो गई है कि हनीप्रीत पिछले 38 दिनों से यही प्रैक्टिस कर रही थी कि पुलिस रिमांड के दौरान किस तरह से पुलिस को बेवकूफ बनाना है। अपनी स्ट्रेटजी के अनुसार वह यह राज कतई नहीं खोल रही कि वह 17 अगस्त की मीटिंग में शामिल हुई थी या नहीं। साथ ही यह भी नहीं बता रही कि 25 अगस्त के बाद वह कहां-कहां गई।
पुलिस इस बात का पता लगाना चाहती है कि 25 अगस्त को डेरा प्रमुख को इन मामलों में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद लापता हुई हनीप्रीत कहां-कहां रही और किन लोगों के संपर्क में थी। पुलिस उससे यह भी पता लगाने का भी प्रयास कर रही है कि डेरा प्रमुख को दोषी करार दिए जाने के बाद पंचकूला सहित राज्य के अनेक हिस्सों में बड़ेे पैमाने पर की गई हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाओं में कौन-कौन शामिल थे। इसके साथ ही डेरा प्रमुख को अदालत से फरार करार कर ले जाने की साजिश में कौन-कौन लोग शामिल थे !
उससे यह भी जानने की कोशिश होगी कि 25 अगस्त से ही फरार चल रहे डेरा के प्रवक्ता आदित्य इंसा और पवन इंसा से वह संपर्क थी अथवा नहीं। अगर उसका आगे भी ऐसा ही रवैया रहता है, तो पुलिस ने उसका नारको टेस्ट करने का विकल्प भी खुला रखा हुआ है और वह कभी भी इस संबंध में अदालत में याचिका दायर कर सकती है। हनीप्रीत और सुखदीप को पुलिस ने 3 अक्टूबर को पंजाब के जीरकपुर क्षेत्र से गिरफ्तार किया था !
दूसरी ओर पंचकूला के पुलिस कमिश्नर ए एस चावला ने कहा कि हनीप्रीत पुलिस जांच में सहयोग नहीं कर रही है। यदि हनीप्रीत से कोई खास जानकारी नहीं मिली तो उसका रिमांड बढ़ाने की काेशिश करने के साथ ही अन्य कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि लाइ डिटेक्टर, नारको टेस्ट और पॉलीग्राफ टेस्ट के विकल्प भी खुले हैं। पुलिस सभी विकल्पों पर विचार करेगी !