उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने कहा सरकार द्वारा मक्का की फसल को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रति एकड़ 7 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है तथा मक्का को खरीदने की व्यवस्था समर्थन मूल्य पर की जाती है। धान के उगाने पर प्रति एकड़ 20 से 25 हजार रुपये प्रति एकड़ खर्चा आता है जबकि मक्का की काश्त पर 10 से 12 हजार रुपये खर्च होते हैं यानि मक्का की खेती करने पर प्रति एकड़ किसान को प्रोत्साहन राशि को मिला कर 20 से 22 हजार रुपये तक की बचत होती है।
उपायुक्त नेे कहा कि भू-जल को बचाने के लिए 15 जून से पहले धान की रोपाई पर सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाया गया है, जो किसान सरकार के आदेशों का उल्लघन करेगा तो अधिनियम 2009 के तहत प्रति एकड़ 4 हजार रुपये जुर्माना लिया जाएगा तथा धान को नष्ठï करने का खर्चा भी किसान से लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भूमि के अंधाधुंध दोहन से जल स्तर निरंतर नीचे जा रहा है, जिसके कारण कई जिले डार्क जोन में आ चुके है।
इस समस्या से निपटने के लिए सरकार द्वारा बरसाती सीजन शुरू होने से पहले यानी 15 जून से पहले धान की रोपाई पर प्रतिबंध लगाया गया है। उन्होंने सरपंच व ग्राम सचिवों को निर्देश दिए कि गांवों में अकसर लुक-छिप कर कुछ किसान निर्धारित समय अवधि से पहले धान की रोपाई करने का प्रयास करते है , उन पर कड़ी नजर रखें, वे गांवों में मुनियादी करवाएं कि निर्धारित समय अवधि से पहले धान की रोपाई पर पूर्णत: प्रतिबंध है, सरकार के नियमों की जहां उल्लंघना पाई गई, वहां पर कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।