श्री कृष्ण गौशाला में होली के पावन अवसर पर होली के रंग गौमाता के संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। गीता मनीषी महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज के सानिध्य में हुए कार्यक्रम में फूलों के साथ होली खेली गई। गाय को तिलक लगाकर लोगों ने अपनी श्रद्धा प्रकट की। इस मौके पर स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने अपने आर्शीवचनों में कहा कि अहंकार की कभी जीत नहीं हो सकती। जीत हमेशा विश्वास की होती है। होली के दिन अपने अहंकार को त्यागने का संकल्प लें। अहंकारी व्यक्ति का अंत अच्छा नहीं होता।
उन्होंने कहा कि होलिका दहन हमें अहंकार छोडऩे के लिए प्रेरित करती है। स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने कहा कि ऋषि मुनियों ने त्यौहारों को परंपराओं के साथ जोड़े रखा। हमारा सौभाग्य है कि हमें इस प्रकार के पावन पर्व मनाने का अवसर मिलता है। सभी त्यौहार मिलजुल कर मनाएं जाने चाहिएं। उन्होंने कहा कि गीता के संदेश को घर-घर और जन-जन तक पहुंचाने के लिए योजना तैयार की गई है। शीघ्र ही कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे। इस अवसर पर मानव सेवा संघ के संचालक स्वामी प्रेममूर्ती ने मानवता की भलाई के कार्य करने के लिए प्रेरित किया।
भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित भजन गाए गए। ईश्चर की मस्ती में श्रद्धालु लीन दिखाई दिए। कार्यक्रम में मेयर रेणु बाला गुप्ता सहित कई गणमान्य लोग भी पहुंचे। भंडारा लगाकर प्रसाद का वितरण किया गया। इस अवसर पर श्री कृष्ण गौशाला के प्रधान रमेश चंद गुप्ता, कोषाध्यक्ष अशोक कुमार गोयल, महासचिव राम कुमार गुप्ता, पदमसेन गुप्ता, कृष्णलाल सिंगला, विनोद गुप्ता व स्वतंत्र कौशिक आदि मौजूद रहे।