December 25, 2024
Training-1

शुद्ध और स्वच्छ खाद्य पदार्थ बेचने की दिशा में उपलाना गांव नजीर बना है। गांव के सभी दुकानदार अब सरकार की हिदायतों के अनुसार सर्टिफाइड हो गए हैं। उपलाना करनाल जिले का पहला गांव बन गया है जहां के सभी खाद्य पदार्थ विक्रेता प्रशिक्षित हो गए हैं। जिला अधिकारियों ने व्यापारियों की मुक्तकंठ सराहना की है और अपील की है कि सभी व्यापारी सरकार की इस योजना का फायदा लें। उपलाना गांव की ब्राह्मण चौपाल में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। ट्रेनर वरुण ने खाद्य पदार्थ विक्रेताओं को गुर सिखाए।

गौरतलब है कि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) ने खाद्य सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए खाद्य पदार्थों से जुड़े कारोबारियों के लिए नियमों पर सख्ती करते हुए फूड सेफ्टी ट्रेनिंग एंड सर्टिफिकेशन यानी एफओएसटीएसी (फॉस्टैक) को लागू करने का ऐलान कर दिया है। अब प्रदेश के हर फूड बिजनेस ऑपरेटर (एफबीओ) अर्थात खाद्य पदार्थों से जुड़े कारोबारी को इस योजना के तहत ट्रेंड और सर्टिफाइड होना अनिवार्य होगा।

कारोबारियों को इस योजना के तहत एक स्थसन पर एकत्रित कर ट्रेनिंग प्रदान कर सर्टिफिकेट प्रदान किया जाता है। ऐसा न करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। खाद्य पदार्थ के कारोबार से जुड़े हर छोटे-बड़े कारोबारी के लिए ट्रेनिंग लेकर सर्टिफिकेट प्राप्त करना अनिवार्य है।

घर द्वार पर मिल रही सुविधा
खास यह है कि इस योजना का लाभ सरकार घर द्वार पर ही दे रही है। व्यापारियों को काम छोड़कर डोर नहीं जाना पड़ता बल्कि प्रशिक्षक उनके पास जाकर खुद खाद्य कारोबारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। हर प्रशिक्षु कारोबारी को गोल्डन रूल्स ऑफ एफएसएसएआई, हेड मास्क, एप्रेन और माऊथ मास्क भी प्रशिक्षण के दौरान प्रदान किया जा रहा है। प्रशिक्षण के दौरान ही कारोबारियों का पंजीकरण कर उन्हें प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएंगे।

असंध ट्रेनिंग इंचार्ज कुलदीप ने बताया कि शासन ने खाद्य एवं पेय पदार्थ निर्माता और विक्रय करने वालों के लिए अब खाद्य सुरक्षा का प्रशिक्षण अनिवार्य कर दिया है। प्रत्येक खाद्य पदार्थ निर्माता व विक्रेताओं द्वारा यदि प्रशिक्षण नहीं लिया गया है तो आने वाले दिनों में संबंधित के खिलाफ अग्रिम कार्रवाई का कानून है। एफएसएसएआई (फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के निर्देश पर खाद्य एवं पेय पदार्थ निर्माताओं और विक्रेताओं को खाद्य सुरक्षा का प्रशिक्षण अनिवार्य कर दिया है।

एफएसएसएआई की फॉस्टिक योजना के तहत सभी लाइसेंसधारी खाद्य निर्माताओं/विक्रेताओं या बिना लाइसेंसधारी खाद्य निर्माताओं/विक्रेताओं के लिए अनिवार्य प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ किए जा रहे हैं। प्रशिक्षण के दौरान खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम के तहत साफ सफाई, खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता, पोषक तत्व, रख-रखाव, हैंडलिंग, निर्माण के दौरान सुरक्षा के तरीके आदि पर प्रशिक्षण दिया जाता है, जिससे गुणवत्तायुक्त और मानक स्तर के खाद्य पदार्थ तैयार हो सकें।

प्रशिक्षण सबके लिए अनिवार्य
लाइसेंसधारी होटल, रेस्टोरेंट एवं बार संचालक भी प्रशिक्षण में शामिल होंगे। प्रशिक्षण के बाद प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा। ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वर्ष 2011 से लागू इस नियम पर सख्ती से अमल करने के आदेश एफएसएसएआई ने दिए हैं। ऐसे में आनेवाले दिनों में खाद्य पदार्थ विक्रेताओं ने प्रशिक्षण प्रमाणपत्र नहीं दिखाया तो अन्न व औषधि विभाग की ओर से इन पर कार्रवाई होगी। इससे खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता के साथ सुरक्षिता भी रहेगी।

खाद्य पदार्थ विक्रेताओं की संख्या लगातार बढ़ने में खान-पान में असुरक्षिता भी बन रही है, जिसमें किराना व्यवसायी से लेकर पकोड़े बेचनेवाले, फ्रूट्स बेचने वाले, बड़े हॉटेल्स भी शामिल हैं, लेकिन अब यह मनमाने ढंग से खाद्य पदार्थ नहीं बेच सकेंगे बल्कि इसके लिए उन्हें प्रशिक्षण लेना पड़ेगा। इस सर्टिफिकेट से प्रमाणित होगा कि वहां काम करने वाला स्टाफ हाईजीन और फूड सेफ्टी के लिए ट्रेंड है या नहीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.