सी.एम. सिटी करनाल के 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गांव सुभरी के लोग नरकीय जीवन जीने पर मजबूर हैं। हालत ऐसे पैदा हो गए हैं कि नालियों की खस्ता हालत होने के कारण घरों में पानी घुस रहा है, जिससे बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां पर स्वच्छ भारत मिशन की धज्जियां भी सरेआम उड़ती हुई नजर आ रही हैं, क्योंकि कई घरों की महिलाएं और छात्राएं आज भी खुले में शौच जाने पर मजबूर हैं।
सरकार द्वारा तरह-तरह के अभियान तो चलाए जाते हैं, लेकिन इन अभियानों की सच्चाई कोसों दूर हैं। आपको बता दें कि गांव सुभरी निवासी इसरान, सीनू, संगोरी, नन्हा, सकील, सर्बवती, राजकुमार, मिठ़ठून, हरीश फकीर, सलमा, सलामू समेत कई परिवार ऐसे हैं जिनके घर सरकारी योजना के तहत कोई शौचाल्य नही बनवाए गए और इन्होंने बार-बार फार्म भरे, लेकिन आज तक भी योजना का लाभ नही मिल पाई। स्थानीय निवासियों ने सरकार पर अनेदखी का आरोप लगाते हुए कहा कि यहां पर समस्याओं का मक्कड़जाल हैं, गांव के लोगों को जनसुविधांए नही मिल रही हैं।
अधिकतर लोगों के मकान कच्चे हैं, जो बारिश के दिनों में ढह जाते हैं। गरीब लोगों की बजाए अमीर लोगों के राशन कार्ड बने हुए हैं। जिन लोगों के मकान टीन छप्पर व पराली से बने हुए हैं, उनके आज तक भी बी.पी.एल. कार्ड नही बनाए गए हैं। गांव सुभरी के स्थानीय निवासियों ने बताया कि गली की नालियों में पानी भरा हुआ है, पानी की निकासी वाला नाला टूटा हुआ है। कई सालों से कई घरों में बिजली की भी सुविधा नही है।
कई परिवार झोपड़ी में रहने पर मजबूर हैं। इतनी सर्दी में सुभरी गांव में गंदगी के कारण बीमारियां फैलने का अंदेशा बना हुआ है। गांव के जोहड़ो में गदंगी भरी है, जिसकी सफाई नही हुई। नालियों का पानी निकासी न होने के कारण घरों में घुस रहा है। गांव सुभरी निवासियों ने प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन से गुहार लगाई है कि गांव सुभरी में जन सुविधाएं मुहैया करवाई जाएं।