अमर शहीद मदनलाल ढींगड़ा की पुण्यतिथि सेक्टर-12 स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यापर्ण कर मनाई गई। इस अवसर पर करनाल बॉडी बिल्डिंग के अध्यक्ष पंकज गाबा व पराग गाबा ने बताया कि शहीद मदन लाल ढींगड़ा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अप्रतिम क्रांतिकारी थे।
भारतीय स्वतंत्रता की चिंगारी को अगनि में बदलने का श्रेय महान शहीद मदन लाल ढींगड़ा को जाता है। शहीद मदन लाल ढींगड़ा इंगलैंड में अपनी पढ़ाई कर रहे थे जहां उन्होंने विलियम हर्ट कर्जन वायली नामक एक ब्रिटिश अधिकारी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। कर्जन वायली की हत्या के जुर्म में उन्हें 17 अगस्त 1909 को फांसी दे दी गई थी। जब उन्हें फांसी दी गई तो उनकी उम्र मात्र 23 वर्ष ही थी। उन्होंने अदालत में कहा था कि मुझे गर्व है कि मैं अपना जीवन देश के लिए समर्पित कर रहा हूं। गाबा ने कहा कि ढींगड़ा की बलिदानी को भुलाया नहीं जा सकता।
आज की युवा पीढ़ी को उनके आदर्शो पर चलना चाहिए और उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। इस मौके पर उनके साथ राकेश कक्कड, त्रिलोक दूहन, सतीश डबरी, पुनीत कुमार, अमन शर्मा, प्रवीन रोड, पियूष शर्मा, प्रवीन सैनी, अनुज शर्मा, पुनीत शर्मा, अनुज कुमार, मनवीर, राजीव, दीप सोढ़ी, विशाल चनालिया समेत युवा उपस्थित रहे।