November 16, 2024

दुनिया में प्रति वर्ष लगभग 3,50,000 गर्भवती महिलायें तथा भारत में लगभग 45000 गर्भवती महिलाओं की मौत होती है। हरियाणा में लगभग 700 गर्भवती महिलाओं की मौत प्रति वर्ष होती है जिसमें वर्ष 2016-17 में करनाल जिले में कुल 32 गर्भवती महिलाओं की मौत हुई है। मातृत्व मृत्युदर रोकने के लिए  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृृत्व अभियान जुलाई 2016 से पूरे भारत में शुरु किया गया था। इस अभियान के तहत प्रत्येक महीने की 9 तारिख को सभी गर्भवती महिलाओं का महिला चिकित्सा अधिकारी द्वारा चैकअप करके गर्भवती महिलाओं को होने वाले खतरों के लक्षणों की पहचान की जाती है। समय पर इन खतरों की पहचान करके व उनका उपचार करके बहुत सी गर्भवती महिलाओं की मौत को बचाया जा सकता है।

इससे पहले यह कार्यक्रम केवल 15 या 16 संस्थाओं में लगाया जाता था। करनाल जिलें में पहली बार डा. योगेश शर्मा सिविल सर्जन करनाल के आदेशानुसार  बुधवार को सभी 33 सरकारी संस्थाओं में यह कैम्प लगाया गया, जिसमें 6 सामु.स्वा.केन्द्र घरौण्डा, असन्ध, निसिंग, बल्ला, इन्द्री, तरावड़ी, 19 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, 6 शहरी पी.एच.सी,एसडीएच नीलोखेड़ी तथा कल्पना चावला राजकीय मैडिकल कॉलेज में यह अभियान चलाया गया। इस अभियान को सफल बनाने हेतू कुल 33 टीमें बनाई गई है जिसमें प्रत्येक टीम में 1 लेडी डाक्टर, 1 फर्मासिस्ट, 1 एल.टी, तथा 5 ए.एन.एम व स्टाफ  नर्स इस अभियान का हिस्सा है। सम्बन्धित को ज्यादा से ज्यादा लाभान्वित करनेे के लिये डा. योगेश शर्मा सिविल सर्जन करनाल द्वारा जिले में कार्यरत सभी महिला चिकित्सा अधिकारियों जिसमें जिले के डिप्टी सिविल सर्जन, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी व चिकित्सा अधिकारी  द्वारा गर्भवती महिलाओं के चैकअप करने हेतू विभिन्न संस्थाओं में डयूटी लगाई गई है। जिले में महिला चिकित्सा अधिकारियों की कमी होने के कारण इस बार इस अभियान में प्राईवेट स्त्री रोग विशेषयज्ञ का योगदान भी लिया गया है।

सिविल सर्जन ने बताया कि जिले में पहली बार 12 प्राईवेट महिला चिकित्सक या विशेषज्ञों द्वारा इस प्रोग्राम को सफल बनाने हेतु अपना योगदान दिया गया है जिनमें डा. सोनम सचदेवा, डा. मधु चौधरी, डा. स्वीटी, डा. प्रियंका, डा. नीरा गर्ग, डा. मनीश सिंगला, डा. रेखा सिंगल, डा. श्रद्धा, डा. अर्चना सोनी, डा. प्रभजोत कौर, डा. सरनजीत, डा. हरप्रीत व डा. रजंना शामिल है। उन्होंने बताया कि हर एक ब्लॉक उस ब्लाक के प्रोग्राम अधिकारी द्वारा की गई। आज सभी सरकारी स्वास्थय संस्थाओं में 2456 गर्भवती महिलाओं का रजिस्ट्रेशन व चैकअप किया गया है। इस दौरान सभी गर्भवती महिलाओं की विशेष तौर पर जांच की गई तथा इस दौरान सभी महिलाओं के खून, पेशाब, एच.आई.वी, बल्ड ग्रुप व बल्ड शुगर इत्यादि की जांच की गई तथा टेटनिस के टीके व खून बढाने की दवाई दी गई। सभी महिलाओं की काउंसलिंग करके गर्भावस्था के दौरान जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य की देखभाल के बारे में बताया गया तथा प्रसव के बाद परिवार कल्याण के तरीके के बारे में भी बताया गया।

जिस गर्भवती महिला में खतरे के लक्षण पाये गए उसे तुरन्त दाखिल करके ईलाज किया गया। उसे एम्बुलैंस की सुविधा तुरन्त उपलब्ध करवाई गई। करनाल जिले में मातृृ मृृत्यु दर को कम करने का लक्ष्य समय से पहले ही पूरा कर लिया जायेगा।  सिविल सर्जन करनाल ने बताया कि करनाल जिले में मातृृ मृृत्यु दर को कम करने के लिये सभी प्रकार की दवाईयां तथा टैस्ट इत्यादि करवाने के लिये किसी भी चीज की कमी नहीं है।

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