सीएम सिटी करनाल में भी कहीं सूरत जैसा हादसा न हाे, क्योंकि यहां सेकेंड-थर्ड फ्लोर वाली बिल्डिंग तो क्या चार मंजिला (हाईराइज) भवनों में भी फायर फाइटिंग सिस्टम नहीं है ! 90 प्रतिशत कोचिंग, शैक्षणिक और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के पास अनापत्ति प्रमाण पत्र ही नहीं है ! अधिकतर इमारतें बिना फायर ऑडिट और अनापत्ति प्रमाण पत्र के हैं !
इसके अलावा जिले में कई इमारतें तो ऐसी बन चुकी हैं, जिनका अग्निशमन केंद्र से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना तो दूर संबंधित विभागों से नक्शा तक पास नहीं कराया गया है !
शहर के ऐसे भवनों की संख्या घटने के बजाए लगातार बढ़ती ही जा रही है ! जिन इमारतों में कोचिंग सेंटर चल रहे हैं उनके हालात ऐसे हैं कि अगर बेसमेंट या सेकेंड फ्लोर पर आग लग जाए तो बचकर निकलने का कोई रास्ता नहीं मिल पाएगा, क्योंकि अधिकतर में एक ही सीढ़ी से आना-जाना है ! जबकि आग लग जाती है तो बंद बिल्डिंग में प्लास्टिक का सामान जलने से धुआं इतना निकलता है कि न तो कोई रास्ता दिखता है तथा पलभर में व्यक्ति का दम घुट जाता है ! ऐसे में व्यक्ति को बचाव के लिए कोई रास्ता न दिखे तो वे बिल्डिंग से नीचे कूदने लगते हैं !
कई बहुमंजिला इमारतों के लिए निगम, हुडा से नहीं ली गई एनओसी
नेशनल बिल्डिंग कोड को लेकर लापरवाही
करनाल शहर में नेशनल बिल्डिंग कोड को लेकर लापरवाही अपनाई जा रही है ! शहर में कई हाई राइज बिल्डिंग ऐसी बनी हैं, उनके निर्माताओं ने अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं लिया है ! संबंधित विभागों की ढुलमुल रवैए के चलते ऐसे भवन अस्तित्व में आ रहे हैं, जहां फायर फाइटिंग सिस्टम को नहीं अपनाया गया है ! इस तरह से नेशनल बिल्डिंग कोड को लेकर हर स्तर पर लापरवाही अपनाई जा रही है !
घरेलू बिल्डिंग में खुले कोचिंग सेंटर
शहर में घरेलू बिल्डिंग को कोचिंग सेंटर चल रहे हैं, लेकिन इनमें से अधिकतर का तो रजिस्ट्रेशन ही नहीं है ! भले ही यह रेजिडेंशियल हैं और हाई राइज बिल्डिंग में शामिल नहीं है, लेकिन इनका कॉमर्शियल यूज जो किया जा रहा है ! ऐसे में सुरक्षा के लिहाज से इनमें फायर फाइटिंग सिस्टम काे अपनाया जाना आवश्यक है ! इसके अलावा सेक्टरों में कॉमर्शियल साइट में भी काेचिंग सेंटर चल रहे हैं, अधिकतर में फायर फाइटिंग सिस्टम नहीं है !
करनाल. सिटी के इस मुख्य मार्केट में हैं ज्यादातर शिक्षण संस्थान व प्रतिष्ठान
बिल्डिंग निर्माण से पहले क्या जरूरी…
नगर निगम, हुडा भवन निर्माण के नक्शे पास करती है, लेकिन उक्त अथॉरिटी द्वारा तब तक नक्शा पास करने की कार्रवाई को पेंडिंग रखा जा सकता, जब तक फायर फाइटिंग स्कीम को न अपनाया जाए ! जनहित में ऐसा करके जान-माल के नुकसान को बचाया जा सकता है !
काॅमर्शियल में दूसरी मंजिल पर भी नियम लागू
सरकार की ओर से आवासीय मकानों में भले ही तीसरी मंजिल तक फायर फाइटिंग सिस्टम अपनाने में छूट दी हुई है, लेकिन कॉमर्शियल भवनों में दूसरी मंजिल पर भी फायर फाइटिंग सिस्टम को अपनाने का नियम है ! इसके अतिरिक्त 15 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले भवन हाई राइज बिल्डिंगों में शामिल होते हैं !
कुंजपुरा रोड पर 80% पर नहीं एफएफएस
शहर में कुंजपुरा रोड पिछले एक दशक में बड़े-बड़े शोरूम के तौर पर विकसित हुआ है ! यहां पर कथित तौर पर 80 फीसदी ऐसे शो रूम हैं, जहां पर फायर फाइटिंग सिस्टम नहीं है ! आग लगने की स्थिति में हालात खतरनाक हो सकते हैं , संबंधित विभागों का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है !