सोनीपत संसदीय सीट पर निर्दलीय चुनाव जीतकर जोरदार सियासी एंट्री मारने वाले व सोनीपत के बाद लगातार 2 बार करनाल से पूर्व सांसद रहे अरविंद शर्मा को भाजपा ने चकमा दे दिया है ! अरविंद शर्मा कुछ ही दिन पहले भाजपा में शामिल हुए थे और यह उम्मीद कर रहे थे कि उनको करनाल या फिर सोनीपत से टिकट मिल जाएगी लेकिन भाजपा ने उनको ठेंगा दिखाते हुए करनाल से संजय भाटिया को व सोनीपत से रमेश कौशिक को टिकट उम्मीदवार घोषित कर दिया !
सोनीपत से वर्तमान सांसद रमेश कौशिक को टिकट दिए जाने के कारण अरविंद शर्मा के लिए अब रोहतक से टिकट हासिल करना भी आसान नजर नहीं आ रहा है क्योंकि आमतौर पर एक ही सीट पर ब्राह्मण प्रत्याशी को टिकट देने का चलन रहा है ,ऐसे में अरविंद शर्मा के सामने अब तीन विकल्प रह गए हैं !
विकल्प नंबर 1: भाजपा में बने रहे
अरविंद शर्मा के सामने पहला विकल्प यह है कि वह भाजपा में बने रहे और रोहतक सीट से चुनाव लड़ने पर रजामंदी कर दें ! भाजपा हाईकमान अरविंद शर्मा पर पहले से ही रोहतक से चुनाव लड़ने के लिए दबाव बना रहा था ओर खबर यह है कि जिसे मानने से उन्होंने इनकार कर दिया था , अरविंद शर्मा का कहना है कि वह करनाल से दो बार सांसद रहे हैं इसलिए उन्हें करनाल से टिकट मिलनी चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ जिसके चलते अरविंद शर्मा खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं !
विकल्प नंबर 2: कांग्रेस में शामिल हो जाएं
अरविंद शर्मा के सामने दूसरा विकल्प यह है कि वह भाजपा को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो जाएं और करनाल सीट से टिकट हासिल कर ले ! अरविंद शर्मा के लिए कांग्रेस में जाकर भी टिकट हासिल करना आसान नहीं होगा क्योंकि पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के खासमखास कुलदीप शर्मा अपने बेटे चाणक्य शर्मा के लिए करनाल सीट से टिकट हासिल करने के लिए पूरा जोर लगाए हुए हैं !
भूपेंद्र हुड्डा कुलदीप शर्मा की किसी भी डिमांड को रिजेक्ट नहीं कर सकते हैं ! इसलिए कांग्रेस में जाकर भी अरविंद शर्मा के लिए करनाल से टिकट हासिल करना संभव नजर नहीं आ रहा है !
विकल्प नंबर 3: जेजेपी में शामिल हो जाएं
अरविंद शर्मा के लिए तीसरा विकल्प यह है कि वह जननायक जनता पार्टी में शामिल हो जाएं और उसके सिंबल पर चुनाव लड़ें ! अरविंद शर्मा के लिए यह विकल्प भी बेहतर हो सकता है क्योंकि अगर वह ब्राह्मण वोटरों को अपने साथ लामबंद करने में सफल हो गए तो जेजेपी के जाट और जट सिख वोटों के बलबूते पर वे बीजेपी को कड़ी टक्कर देने में सफल हो सकते हैं !
गौरतलब है कि अरविंद शर्मा करनाल सीट से टिकट के लालच में ही भाजपा में शामिल हुए थे ,उन्हें लगता था कि भाजपा को वर्तमान सांसद अश्विनी चोपड़ा का टिकट काटना है और उसके पास कोई दूसरा दमदार विकल्प नहीं है जिसके चलते उन्हें टिकट मिल जाएगी लेकिन भाजपा ने अरविंद शर्मा के लिए करनाल की बजाय रोहतक का चयन कर रखा था !
अरविंद शर्मा को रोहतक सीट पर पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा के सामने अपनी जीत पक्की नहीं लग रही थी जिसके चलते उन्होंने रोहतक से चुनाव लड़ने से मना कर दिया !
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पहले ही तय कर रखा था कि करनाल सीट पर हुए वे अपने चहेते संजय भाटिया को ही टिकट दिलवाएंगे , रोहतक से चुनाव लड़ने से इंकार करना अरविंद शर्मा को भारी पड़ा और इसी कारण उनकी टिकट कट गई ! अरविंद शर्मा के लिए अब दो ही रास्ते हैं कि वह या तो आगामी लोकसभा चुनाव में हिस्सा ही ना लें और भाजपा में बने रहें !
दूसरा रास्ता यह है कि वह जननायक जनता पार्टी में शामिल होकर उसके सिंबल पर चुनाव लड़ें , अगर अरविंद शर्मा ने चुनाव नहीं लड़ा तो प्रदेश के सियासी पटल से गायब हो जाएंगे और इसलिए उनके लिए हर हाल में चुनाव लड़ना जरूरी है ! ऐसे में उनके लिए जेजेपी में जाने का ही एकमात्र विकल्प बचा है !
करनाल क्या यह सही है कि पूर्व सांसद अरविंद शर्मा का ब्राह्मण वोटरों में खास रसूख है ?
– क्या यह सही है कि करनाल से टिकट के चक्कर में अरविंद शर्मा भाजपा में शामिल हुए थे ?
– क्या यह सही है कि भाजपा ने अरविंद शर्मा को करनाल से टिकट नहीं देकर करारा झटका दिया है ?
– क्या यह सही है कि भाजपा अरविंद शर्मा पर रोहतक से चुनाव लड़ने का दबाव डाल रही थी ?
– क्या यह सही है कि अरविंद शर्मा ने रोहतक लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने से मना कर दिया ?
– क्या यह सही है कि अरविंद शर्मा खुद को भाजपा के हाथों छला जाना महसूस कर रहे हैं ?
– क्या यह सही है कि अरविंद शर्मा अब बाकी बचे विकल्पों पर विचार कर रहे हैं ?
– क्या यह सही है कि अरविंद शर्मा भाजपा को छोड़ भी सकते हैं ?
उपरोक्त सभी सवालों का जवाब हां में है या कुछ और दीजिये अपनी अपनी रॉय