स्थानीय न्यायिक परिसर में इस वर्ष की पहली राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन जिला सत्र एवं न्यायधीश जगदीप जैन के मार्गदर्शन में किया गया। इस लोक अदालत में विभिन्न तरह के मामले रखे गए, जिनमें वाहन दुर्घटना, बैंक संबंधी, अपराधिक तथा बीमा कंपनी संबंधी, वैवाहिक एवं पारिवारिक मामले शामिल थे। इस दौरान जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव हितेश गर्ग ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 10 बैंच बनाए गए थे, जिनमें मोटर वाहन दुर्घटना के लिए इन्श्योरैंस कंपनी से संबंधित 2 बैंच शामिल थे।
लोक अदालत के संदर्भ में विस्तृत जानकारी देते हुए जिला एवं सत्र न्यायधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जगदीप जैन ने बताया कि इस लोक अदालत में कुल 3812 मामले रखे गए, जिनमें से 1263 मामलों का मौके पर ही निपटारा कर दिया गया। इस लोक अदालत में रखे गये विभिन्न मामलो से सम्बधित कुल 7 करोड 47 लाख 59 हजार 776 रूपये की राशि कम्पन्शेसन के रूप में अवार्ड की गई।
इनमें मोटर वाहन के 295 केसों का निपटारा किया गया तथा चैक बाउंस के 366 केस निपटाए गए। लोक अदालत में वाहन दुघर्टना से संबंधित मामलों में 1 करोड 45 लाख 82 हजार रुपये की राशि कंपनशेशन के रूप में अवार्ड की गई। चेक बाउंस के मामले में 5 करोड 21 लाख 54 हजार 840 रुपये की राशि के केसों को आपसी सहमति से निपटाया गया। उन्होंने बताया कि लोक अदालत का मकसद न्याय प्रक्रिया में तेजी लाना है जिससे लोगों को सुलभ और सरल तरीके से न्याय मिल सके।
उन्होंने यह भी कहा कि लोक अदालत में निर्णय दोनों पक्षों की रजामंदी से किए जाते हैं। इसमें किसी प्रकार का कोई खर्च नहीं आता और संबंधित पक्षों की आपसी सहमति से हुए फैसलों के दृष्टिगत कहीं अपील-दलील नहीं होती।