करनाल। डीएवी पीजी कॉलेज में राजनीतिक विज्ञान विभाग की ओर से भारत में पंचायती राज एंव महिला सशक्तिकरण विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि के रूप मे कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरूक्षेत्र के उप-कुलपति डॉ. कैलाश चन्द्र शर्मा ने शिरकत की।
कार्यक्रम मे मुख्य वक्ता के रूप मे कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के राजनीति शास्त्र विभाग के पुर्व अध्यक्ष रणबीर सिहँ मौजुद रहे।
प्रारंभिक सत्र के अतिथि के रुप मे समाज शास्त्र संस्थान दिल्ली के निदेशक डॉ. अर्श नारायण राय विराजमान रहे।
सेमिनार की अध्यक्षता चौ.चरण सिहँ विश्वविद्यालय मेरठ के राजनीति शास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉ.संजीव कुमार शर्मा व पंजाब विश्वविद्यालय पटियाला की डीन अॉफ कॉलेज एंव अध्यक्ष राजनिति शास्त्र विभाग डॉ. जगरुप कौर ने की।
विशेष अतिथि के रुप में जेबीडी ग्रुप के एमडी भारत भुषण कपुर पधारे।कार्यक्रम का शुभारंभ विधिवत रूप से सभी मेहमानों द्वारा माँ शारदा के समक्ष दीप प्रज्जवल्लित करके किया गया।संगोष्ठी मे पंहुचने पर सभी अतिथियों का कॉलेज प्राचार्य डॉ.रामपाल सैनी,संगोष्ठी के संयोजक एंव राजनिति शास्त्र विभाग के प्रवक्ता डॉ.बलराम शर्मा ने पुष्प के पौधे देकर स्वागत किया ।
प्राचार्य रामपाल सैनी ने सभी अतिथियों का अभिनंदन करते हुए कहा। भारत में पंचायती राज एंव महिलाऐं एक महत्वपुर्ण विषय है जो इस सेमीनार के माध्यम से शोधार्थियों एंव विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करेगा और समाज में महिलाओं की भागीदारी को सुनिश्चत करेगा एंव नए विद्यार्थियों को भी इसे जानने का मौका मिलेगा। उन्होने कहा कि पंचायती राज संस्थाओ मे जब तक महिलाओं की संम्पुर्ण भागीदारी नही होगी तब तक राष्ट्र की तरक्की नही हो सकती ।
मुख्य अतिथि केयुके के उप-कुलपति डॉ.कैलाश चन्द्र शर्मा ने कहा कि समाज के हर क्षेत्र में महिलाओं को पुर्ण अधिकार मिले ,इसके लिए जमीनी स्तर पर कार्य करने की आवश्यक्ता है । डॉ.अर्श नारायण ने सेमिनार मे बोलते हुए कहा कि महिलाओं को अधिकार देने के साथ-साथ उनके लिए और अधिक योजनाओं का गठन करना होगा।
मुख्य वक्ता डॉ.रणबीर सिहँ ने संगोष्ठी मे विषय पर बोलते हुए कहा कि पंचायती राज मे आज भी महिलाओं को उतनी आजादी नहीं है जितना की अधिकार दिया गया है उन्होने कहा कि आज भी पंचायत पदों पर महिलाओं की जगह पुरुष पतियों की भुमिका है उन्होने कहा कि केवल पाँच प्रतिशत महिलाऐं ही स्वय अपना पंचायत का कार्य करती है।
डॉ.जगरुप कौर ने कहा कि आज महिलाओं की सहभागिता पंचायती राज संस्थाओं मे बढी़ है 73वें संविधान संशोधन से इसको बल मिला है। मेरठ से डॉ.संजीव शर्मा ने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए परिवार और सामाजिक स्वंतन्त्रा का सहयोग आवश्यक है।
तकनीकी सत्र में अध्यक्षता डीएवी पीजी कॉलेज के पुर्व प्राचार्य डॉ. एस.बी.दीक्षित ने की , सह-अध्यक्ष के रुप मे दयाल सिंह कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. रामजीलाल मौजुद रहे ।डॉ.दीक्षित ने कहा कि महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरुक होना पडेगा तभी हम महिला सशक्तिकरण की तरफ आगे बढ़ सकेंगे।
दयाल सिहँ कॉलेज के पुर्व प्राचार्य डॉ.रामजी लाल ने संगोष्ठी मे कहा कि जब तक महिलाओं को सामाजिक ,आर्थिक आजादी नही मिलेगी तब तक उनका विकास नही हो सकता।उन्होने दलित,शोषित महिलाओं के शोषण पर कहा कि जब तक खेत खलिहानों,कारखानों,कार्य स्थलो मे दलित,आदिवासी महिलाओं का शोषण होता रहेगा तब तक महिला सशक्तिकरण के सारे दावे खोखले है।
रिसोर्स पर्सन प्रो. रामपाल भाटी,डॉ.पवन शर्मा,डॉ.कुलदीप मेहंदीरत्ता,डॉ.अनीता जुन,डॉ.जोगिन्द्र,डॉ.अनुज ने भी सेमिनार मे विषय पर अपना पक्ष रखा । कार्यक्रम में डॉ.रामजीलाल ने संगोष्ठी के दौरान रिसोर्स पर्सन द्वारा प्रस्तुत शोध पत्रों की समीक्षा भी की।
कार्यक्रम के संचालक राजनीति शास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. बलराम शर्मा ने संगोष्ठी की रिपोर्ट प्रस्तुत कर कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए सभी का आभार व्यक्त किया।कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य डॉ. रामपाल सैनी, राजनिति शास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. बलराम शर्मा,प्रो. मनीषा शर्मा व अन्य सभी ने अतिथियों को स्मृति चिह्न और अंगवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया।
प्राचार्य ने कार्यक्रम के सफल आयोजन पर सभी को बधाई दी। कार्यक्रम मे मंच संचालन प्रो. ज्योति ने किया। इस मौके कॉलेज के पूरे स्टाफ सहित देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से विद्धान एवं शोधार्थी सम्मलित हुए।