करनाल। गांव बड़सत के ग्रामीण आज जिला सचिवालय में जिला पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र सिंह भौरिया से मिले और गांव के एक आरटीआई कार्यकर्ता के खिलाफ दर्ज किए गए झूठे मामले की दोबारा जांच करवाए जाने की मांग की। ग्रामीणों ने कहा कि इस मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए क्योंकि इस मामले में आरटीआई कार्यकर्ता विशाल भारतीय को राजनीति षडयंत्र के तहत जानूबझकर फसाया गया है।
जिला सचिवालय पहुंचे विनोद कश्यप, रोशन जमालपुर, बारू सिंह, राकेश पंच, राकेश पाल आदि ग्रामीणों ने बताया कि आज से करीब दो महीने पहले आरटीआई कार्यकर्ता विशाल और सतीश के बीच मामूली कहासुनी को लेकर झगड़ा हो गया था। इस झगड़े की बकायदा वीडियो भी बनाई गई है। झगड़े में दोनों ज मी हो गए। इसके बाद सतीश पक्ष के लोग गांव के सरपंच के पास पहुंचकर एक षडंयंत्र रचा, जिसमें सतीश ने अपनी 14 वर्षीय भतीजी जो मौके पर ाी नहीं थी वह इस झगड़े और षडयंत्र से अनजान है।
विशाल पर झूठा मुकद्दमा दर्ज करवाया गया कि उसने उसकी भतीजी से छेड़छाड़ की है। इसके तहत पुलिस ने मामला दर्ज कर विशाल को गिर तार कर लिया गया। ग्रामीण नवीन, सुनील, रोहित, सुधीर, रंगा का कहना है कि इस मामले में इतनी तेजी से काम किया गया कि मामले की कोई जांच नहीं की गई। लडकी की पक्ष से गवाह बनी शोभा रानी भी आज ग्रामीणों के साथ विशाल के पक्ष में इंसाफ मांगने पहुंच8ी। मामले में समझौता ना हो पाने के कारण विशाल के पिता की भी कुछ दिन पहले टेंशन में मृत्यु हो चुकी है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस मामले बिना जांच पड़ताल किए ही कार्रवाई की गई है। मामले की गहनता से जांच से दोबारा जांच करवाई जानी चाहिए। इसी मांग को लेकर आज ग्रामीण एसपी से मिले। इस मौके पर युवा बोलेगा मंच के प्रदेश अध्यक्ष जेपी शेखपुरा, करनाल अध्यक्ष रवि भाटिया ने एसपी से गुहार लगाई कि मामले की खूफिया जांच करवाई जाए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।
जिला परिषद सदस्य अशोक मित्तल ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को ही जेल में डाला जा रहा है। मामले की जांच होनी चाहिए। इस मौके पर मनोवर, सुनील, सुधीर, रण सिंह, विजय, रोहित, विशाल सैनी, महिला कमलेश, बीता, पिंकी, अंगूरी आदि मौजूद रहे।