करनाल के सांसद अश्विनी कुमार चोपड़ा की धर्मपत्नी तथा वरिष्ट नागरिक कल्ब की चेयरपर्सन श्रीमति किरण शर्मा चोपड़ा ने आज कहा कि सही मायने में देश में आजादी का बिगुल मंगल पांडे ने ही फूंका था। उनके द्वारा लगाई गई चिंगारी एक बड़ी शोला बन गई। जिसकी बदौलत ही देश को आजादी मिली। अपनी भारत माता को गुलामी की जंजीरों से आजाद कराने के लिए संघर्ष करने वाले इस वीर से तो एक बार अंग्रेज शासन भी बुरी तरह से कांप गया था और उनके बलिदान को ये देश कभी नहीं भूला सकता।
वह आज शहीदे आजम वीर मंगल पांडे क्रांतिकारी मंच की ओर से शहीद वीर मंगल पाण्डे के शहीदी दिवस समारोह में बतौर मुख्यअतिथि के तौर पर लोगो को संबोधित कर रही थी। उन्होने कहा कि भारत शहीदों की धरती है। ऐसे में देश की युवा पीढ़ी और समाज को ऐसे शहीदों को हर समय याद रखना होगा ताकि हमारी भावी पीढ़ी भी ऐसे शहीदों की जीवनी से सबक ले सके। जिस देश के लोग और युवा ऐसे शहीदों की शहादत को याद कर सलाम करते है।
वही देश आगे बड़ पाते है। उन्होने लोगो से कहा कि यह उनकी खुशकिस्मती है कि वह भी ऐसे परिवार से है जिन्होने देश की रक्षा और अखंडता के लिए खुद को कुर्बान कर दिया। उन्होने कहा कि जिस तरह से देश की सीमा पर सैनिक बिना जात-पात, धर्म, स्थान और राज्य को देखे बिना केवल और केवल हिन्दुस्तान के लिए लड़ाई लड़ता है।
ठीक उसी तरह उनके पति और करनाल के सांसद अश्विनी कुमार चोपड़ा भी देश के लोगो के लिए कलम के साथ-साथ लोकसभा में भी लड़ाई लड़ते है। उन्होने कहा कि उन पर बाहरी जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। जिस तरह एक सैनिक धर्म, जात और स्थान को देखे बिना अपने देश की सुरक्षा करता है। ठीक वैसे ही उनके पति भी लोगो की रक्षा के लिए लड़ते है।
उन्होने कहा कि शहीद होने वाले सैनिक का परिवार कितनी पीढ़ा झेलता है, वह इसे भलीभांति समझती है। उन्होने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो पहले की ही तरह उनका परिवार देश और लोगो के लिए कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटेगा। क्योंकि कुर्बानी का जज्बा उनके परिवार की रग-रग में है। उन्होने शहीद मंगल पाण्डे का जिक्र करते हुए कहा कि था। ब्राह्मण कुल में जन्मे मंगल पांडे को जीविका के लिए अंग्रेजों की फौज में भर्ती होना पड़ा था और इसी कारण साल 1849 में मात्र 22 साल की उम्र में मंगल पांडे ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में शामिल हुए थे।
यह आक्रोश तब फूटा जब कंपनी की सेना की बंगाल इकाई में राइफल में नई कारतूसों का इस्तेमाल शुरू हुआ। इन कारतूसों को बंदूक में डालने से पहले मुंह से खोलना पड़ता था और भारतीय सैनिकों के बीच ऐसी खबर फैल गई कि इन कारतूसों को बनाने में गाय तथा सूअर की चर्बी का प्रयोग किया जाता है। उनके मन में ये बात घर कर गई कि अंग्रेज हिन्दुस्तानियों का धर्म भ्रष्ट करने पर अमादा हैं । तब मंगल पाण्डेय ने उसे लेने से इनकार कर दिया। इसके परिणाम स्वरूप अंग्रेजों ने उनके हथियार छीन लिये जाने और वर्दी उतार लेने का हुक्म सुना दिया।
शहीद मंगल पाण्डे ने ना केवल हिन्दु धर्म की रक्षा की बल्कि अंग्रजों के खिलाफ देश की आजादी के लिए बिगुल भी फूंक डाला। उन्होने कहा कि देश में कार्य करने वाला प्रत्येक सैनिक और पुलिस का सिपाही भी सच्चा देशभक्त है। यही नहीं मां, देश का किसान और मजदूर भी देश के सिपाही की तरह कार्य कर रहा है। इससे पहले मुख्य अतिथि किरण शर्मा चोपड़ा का फूलमालाओं द्वारा स्वागत किया गया और उन्हे बैज लगा कर सम्मानित किया गया।
संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित हरपाल गौड ने आए हुए मुख्यअतिथि, विशिष्ट अतिथि व गणमाण्य लोगों का फूलमालाओं से स्वागत किया। इससे पहले एस.पी. पाण्डे वाराणसी, ज्योतिषाचार्य राज शास्त्री, वीरेन्द्र सिंह चौहान, सुभाष शर्मा, अधिवक्ता प्रवेश शर्मा, शशीकांत शर्मा जिला अर्टानी, करनाल ब्राह्मण सभा के अध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा बढ़ौता ने मंगल पाण्डे की जीवनी के बारे में बरीकी से बताया। स्वामी प्रेम मुर्ति ने मंगल पाण्डे के बारे में विचार रखे।
इस अवसर पर भाजपा की महिला जिला अध्यक्ष मीना काम्बोज, जिला सचिव अमनदीप शर्मा, धीरज कालड़ा, पिंकी कश्यप, सुमित्रा, शीतल शर्मा, धर्मपाल शान्डीलय, वीजेन्द्र शर्मा, संजय शर्मा, सुभाष गुरेजा, सुभाष भोगड़ा, विशाल गौड, बाल किशन शर्मा बीजेपी, राजकुमार शर्मा अधिवक्ता, सुरेश भारद्वाज, वकील प्रगति शर्मा, एसपी शर्मा, सतीश कुमार, टेक चंद गौतम समेत कई लोग मौजूद थे।
खुद किया मेरा रंग दे बसंती चोला गीत से आगाज :
वरिष्ट नागरिक कल्ब की चेयरपर्सन श्रीमति किरण शर्मा चोपड़ा ने इस कार्यक्रम का आगाज खुद देशभक्ती का गीत गाकर किया। उन्होने मेरा रंग दे बसंती चोला , माए रंग दे बसंती चोला का गीत गाया। उन्होने कड़ा संदेश देते हुए कहा कि जो पीढिय़ां देशभक्तों और शहीदों को भूल जाया करती है। वह कभी आगे नहीं बड़ सकती। उन्होने यह भी कहा कि एक साल बाद ठीक इसी जगह पर शहीद मंगल पाण्डे का शहादत दिवस बडी धूमधाम और बड़े स्तर पर मनाया जाएगा।