आज इशा स्वयंसेवक मोहित सरदाना के निवास स्थान पर हुई बैठक में आगामी कार्यक्रम “इनर इंजीनियरिंग” जो हरियाणा में पहली बार करनाल में हिंदी भाषा में 4 जुलाई से 10 जुलाई को होने जा रहा है के कुशल प्रबंधन चर्चा हेतू चंडीगढ़ से श्रीमती नीलम चंद्रा एवं अन्य शहरों से पधारे कई इशा स्वयंसेवकों ने हिस्सा लिया।
सदगुरु एक ब्रह्मज्ञानी योगी हैं जो आज दुनिया में विश्वगुरू के रूप में जाने चाहते हैं । आज विश्व के हर कोने में अध्यात्मिक विज्ञान (जो भारत की प्राचीन सांस्कृतिक दौलत है )को सही मायने में दे रहे हैं!
जिस प्रकार बाहरी आयाम को अपने अनुकूल बनाने के लिए हम इंजीनियरिंग का इस्तमाल करते हैं,अब वक़्त आ गया है कि अध्यात्म को केवल बातों और विचारों तक सीमित न रखकर ध्यान और योगा की विधि को विज्ञान की तेरह समझ कर अपने जीवन में अनुभव में लेकर आने की।
अमेरिका , रशिया, चाइना, इंगलैंड ,आज दुनिया के हर कोने में सदगुरु द्वारा दी जा रही इनर इंजीनियरिंग की दीक्षा का लोग लाभ उठा रहे हैं !
करनाल के लिए यह एक सुनहरा मौका है। तमिलनाडु स्थित इशा आश्रम से एक अध्यापक करनाल आकर इस सात दिवसीय कार्यक्रम को अंजाम देंगे। आज विश्व के बड़े बड़े वैज्ञानिक अनेकों अंजाम आयामों को समझने के लिए सदगुरु से ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं !