नई अनाज मंडी में महर्षि कश्यप प्रकाशपर्व के दौरान तीन राज्यों के सांसदों ने कश्यप निषाद् समाज के उत्थान को लेकर राजनीतिक हुंकार भरी। विभिन्न दलों के छह सांसदों ने एक स्वर में कहा कि बीते 70 वर्षो से हो रहे शोषण व अत्याचार को अब बर्दास्त नही किया जाएगा।
हम सांसद बाद में है पहले कश्यप निषाद् समाज के बेटे है। देश व प्रदेश में कश्यप निषाद् समाज की जनसंख्या के अनुरूप उनको जो राजनीतिक भागेदारी और सरकार में किसी भी तरह की उनकी हिस्सेदारी उन्हें मिलनी चाहिए। मंच से चेतावनी देते हुए कश्यप समाज के नेताओं ने कहा कि देश का कोई भी राजनीतिक दल अब यह समझ ले की आने वाले समय में कश्यप निषाद् समाज की राजनीति में भूमिका को नकार नही सकेंगे।
समारोह के मुख्यअतिथि व हरियाणा से राज्यसभा के सांसद रामकुमार कश्यप ने कहा कि बहुत सह लिया, किसी बात की कोई हद होती है। कश्यप समाज के लोगों ने अब आगे बढऩा सीख लिया है। आने वाले समय में पूरे देश में कश्यप समाज को प्रत्येक मामले में अपना हक चाहिए। किसी भी राजनीतिक दल का नाम न लेते हुए उन्होंने कहा कि अब देश के सभी राजनीतिक दलों को यह समझना पड़ेगा कि कश्यप समाज की देश में अहम भूमिका है। उन्होंने समाज का भी आह्वान करते हुए कहा कि समाज को चाहिए कि वे संगठित होकर प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ें।
भाजपा के उत्तर प्रदेश मछली शहर बनारस के सांसद रामचरित्र निषाद् ने कहा कि धर्मयुद्ध की लड़ाई कुरूक्षेत्र में हुई थी और अपने हकों के लिए पानीपत में कई लड़ाईयां लड़ी गई। मैं भाजपा का सांसद बाद में हूं, कश्यप निषाद् समाज का पुत्र पहले हूं। बीते कई वर्षो से प्रदेशों से आवाज आ रही है कि कश्यप समाज का लगातार शोषण हो रहा हैं। राजनीति में उनकी संख्या के हिसाब से उनकी भागेदारी सुनिश्चित नही की जा रही। मैं भाजपा के शीर्ष नेताओं के समक्ष यह आवाज लगातार उठाऊंगा कि कश्यप निषाद् समाज की भागेदारी सुनिश्चित की जाए।
उत्तर प्रदेश से सपा के सांसद बिशम्बर प्रसाद निषाद् ने कहा कि पहले राजा रानियों के पेट से पैदा होता था। अब कश्यप समाज में रानियां तो थी नही, क्योंकि ये गरीब समाज है। हमनें पढ़ लिखकर अपनी मेहनत के बल पर राजनीति में कुछ हिस्सेदारी पाई। लेकिन जिस हिसाब से पूरे देश में कश्यप निषाद् समाज को हिस्सेदारी मिलनी चाहिए थी। वो आजादी के 70 साल बीतने के बाद भी नही मिल पाई। उन्होंने आह्वान किया कि जब तक बच्चा रोता नही, स्वयं की मां भी नही पूछती। इसलिए पूरे देश में कश्यप निषाद समाज को एक होकर अपने हक के लिए लड़ाई लडऩी होगी।
निषाद् पार्टी के गोरखपुर से सांसद प्रवीन निषाद् ने कहा कि जिस समाज में राजनीतिक चेतना समाप्त हो जाती है। वह प्राय: गुलाम हो जाता है। मौजूदा समय में कश्यप निषाद् समाज को राजनीतिक चेतना के साथ आगे बढ़ते हुए गुलामी की जंजीरों को तोड़ते हुए राजनीति में अपना पूरा हक व हिस्सा लेना होगा।
उत्तर प्रदेश से भाजपा के सांसद धमेंद्र कश्यप ने कहा कि हमें यह समझना पड़ेगा कि हमारी दशा क्या है और दिशा क्या है? किसी भी व्यक्ति, समूह या समाज को तब तक लड़ाई लडऩी पड़ती है। जब तक वह अपने मुकाम को हासिल न कर ले। आज वक्त है, जब कश्यप निषाद् समाज को एक होकर अपने हकों की लड़ाई लडऩी होगी।
महर्षि कश्यप एकता मंच के प्रदेश महासचिव महिन्द्र सिंह ने कहा कि हरियाणा में कश्यप समाज की तीस लाख से ज्यादा आबादी हैं। आबादी के अनुरूप उन्हें कोई भी राजनीतिक दल वो मान-सम्मान नही दे रहा। उन्होंने मंच से राजनीतिक दलों को चेताया कि आने वाले लोकसभा व विधानसभा चुनाव में कश्यप समाज को विधानसभा की 15 व लोकसभा की 2 सीटें दी जाए।
निषाद् पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद् ने कहा कि गोरखपुर की एक जीत से मिट्टी और मोरंग के दाम कम हुए है। यदि कश्यप निषाद समाज राजनीति में कूद जाए तो देश की महंगाई समाप्त हो जाएगी।
कार्यक्रम के संजोजक व महर्षि कश्यप एकता मंच हरियाणा के अध्यक्ष आरडी कश्यप ने आए हुए मुख्यअतिथि, विशिष्ठ अतिथि, सम्माननीय अतिथि व समाज के गणमान्य लोगों का आभार प्रकट करते हुए आह्वान किया कि जिस तरह से आज घरौंडा में कश्यप समाज ने संगठित होने का संदेश दिया है। भविष्य में वे इसी तरह संगठित रहे। ताकि कोई भी राजनीतिक दल उनके हकों से खिलवाड़ न कर सकें।
उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से हिंदू संस्कृति मजबूत होगी और नई पीढ़ी को अपने इतिहास का ज्ञान होगा। इस मौके पर इंद्री के पूर्व विधायक डॉ. अशोक कश्यप, घरौंडा के पूर्व विधायक रमेश कश्यप, संत रामस्वरूप ब्रह्मानंद, कृष्णानंद, कुरूक्षेत्र जिला परिषद् की उपाध्यक्ष परमजीत कौर, जिला परिषद् सदस्य सुरेंद्र माजरी, गन्नौर नगरपालिका अध्यक्ष ईश्वर कश्यप, सरपंच रणजीत सिंह खोराखेड़ी, सरपंच दिलबाग सिंह उपली, सरपंच बलवान कश्यप कुताना, अशोक कश्यप पीरबड़ौली, सुभाष पिंगली, राजेंद्र कश्यप, मनजीत कश्यप, पवन कश्यप, विनोद कश्यप, सुरेंद्र कश्यप, धर्मबीर कश्यप व अन्य मौजूद रहे।