सनातन धर्म मंदिर कुंजपुरा रोड़ करनाल में जी.बी.पी.एस. भक्तवृन्द करनाल के द्वारा आयोजित चतुर्थ दिवस की श्रीमद्भागवत कथा में श्री तेजस्वीदास वृन्दावन ने बताया कि जो व्यक्ति प्रतिदिन भागवत कथा को श्रवण करता है उसके जीवन से कष्टों का निवारण हो जाता है और जीवन में भक्ति आ जाती है। जो भी व्यक्ति अपनी वाणी से भगवान का नाम उच्चारण करता है और अपने मन से भगवान श्री कृष्ण का चिंतन करता है, फिर चाहे वह कितना भी बड़ा पापी क्यों न हो वह नरक जाने योग्य नहीं है।
श्री तेजस्वीदास ने बताया कि भगवान जन्म नहीं लेते वह अपने दिव्य शरीर के साथ प्रकट होते हैं। भगवान का शरीर पंच-तत्वों से नहीं बना होता। भगवान श्रीकृष्ण सच्चिदानंद स्वरूप हैं।
भगवान इस धरा पर अकेले नहीं आते, उनके पार्षद भी उनके साथ आते हैं और भगवान इस धरा-धाम पर अनेक लीलायें करते हैं। श्रीमद्भागवतगीता के ग्याहरवें अध्याय के 54वें श्लोक में भगवान श्रीकृष्ण बताते हैं कि उन्हें केवल अनन्य भक्ति के द्वारा ही प्राप्त किया जा सकता है।
इस अवसर पर रामलाल गोयल, पवन सिंगला, मनोज सिंगला, सुरेश, मुकेश कुमार, सतपाल गुप्ता, मृदुला वैष्णवी, अर्चना वैष्णवी, मंजु वैष्णवी, कविता वैष्णवी, अंजु वैष्णवी, विमल, ज्ञान ज्योति वैष्णवी, पूजा वैष्णवी और बाहर से भी अनेक शहरों से आए अनेक भक्त उपस्थित रहे।