करनाल के जनकपुरी इलाके में इन दिनों पानी के कनेक्शन को लेकर दो गुटों के बीच विवाद गहराता जा रहा है। जनकपुरी के स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया है कि उनके वार्ड के साथ लगती एक अनप्रूव्ड कॉलोनी के निवासियों ने बिना किसी अनुमति के पाइपलाइन की खुदाई करवाई है, जिसके कारण जनकपुरी के हजारों घरों में पानी की आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई है। खुदाई के चलते सड़कों की हालत जर्जर हो गई है और एक बिजली का खंभा भी गिरने की कगार पर है, जिससे क्षेत्र में कभी भी बड़ा हादसा होने का अंदेशा बना हुआ है।
जनकपुरी की महिलाओं और बुजुर्गों ने बताया कि पिछले कई दिनों से उनके घरों में पानी की एक बूंद नहीं आ रही है। उनका आरोप है कि साथ लगती कॉलोनी के लोग मजदूरों को बुलाकर जानबूझकर पाइपलाइन को तोड़ देते हैं ताकि पानी को अपने क्षेत्र की ओर मोड़ सकें। स्थानीय निवासियों का कहना है कि उन्होंने इस मामले को लेकर अपने पार्षद से भी संपर्क किया और चौकी में शिकायत भी दी, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है। खुदाई की वजह से आवाजाही बाधित हो रही है और सड़कों पर कीचड़ व गड्ढों ने निवासियों का जीना दूभर कर दिया है।
दूसरी ओर, आरोपी पक्ष की महिलाओं ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वे जानबूझकर किसी का नुकसान नहीं कर रहे हैं। उनका तर्क है कि उनके क्षेत्र में सरकारी पानी की आपूर्ति नहीं है और वे पूरी तरह समरसेबल के पानी पर निर्भर हैं। समरसेबल का पानी इतना दूषित और खारा है कि उसे पीने से बच्चे और बुजुर्ग बीमार हो रहे हैं। बर्तनों पर सफेदी जम रही है और पानी की दुर्गंध के कारण उसे दैनिक कार्यों में इस्तेमाल करना भी मुश्किल हो गया है। इसी मजबूरी के चलते उन्होंने पीने के साफ पानी के लिए एक छोटी पाइपलाइन बिछाने का प्रयास किया था।
जनकपुरी के लोगों ने एक वैकल्पिक समाधान का सुझाव देते हुए कहा है कि वे नगर निगम और प्रशासन से मिलकर अनप्रूव्ड कॉलोनी के लिए एक अलग ट्यूबवेल की मांग करने को तैयार हैं। वे चाहते हैं कि दोनों पक्ष मिलकर उच्चाधिकारियों से मिलें ताकि किसी के भी हक का पानी प्रभावित न हो। फिलहाल, दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है और मामला पुलिस व प्रशासन की दहलीज तक पहुंच चुका है।
प्रशासन और स्थानीय पार्षद से अपील की गई है कि वे इस संवेदनशील मामले में तुरंत हस्तक्षेप करें। पानी एक मूलभूत अधिकार है और इसके अभाव में सैकड़ों परिवारों की दिनचर्या बुरी तरह प्रभावित हो रही है। यदि जल्द ही दोनों कॉलोनियों के लिए पानी की अलग-अलग और सुचारू व्यवस्था नहीं की गई, तो यह विवाद और अधिक उग्र रूप ले सकता है। जनकपुरी वासी अब न्याय और पानी की बहाली की उम्मीद में प्रशासन की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं।