-
जींद के मलिकपुर गांव के 35 वर्षीय किसान गुरजंट सिंह की एक महीने पहले हुए हमले के बाद मौत।
-
यह विवाद खेत की मेड़ (डोल) से संबंधित था, जिसके बाद कुछ लोगों ने किसान पर हमला कर दिया था।
-
परिवार का आरोप है कि सफीदों पुलिस ने पहले ग़ैर-ज़रूरी धाराएं लगाकर आरोपियों को ज़मानत दिला दी।
-
परिवार अब हत्या (IPC 302) का मामला दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहा है।
करनाल/सफीदों। जींद जिले के सफीदों क्षेत्र के मलिकपुर गांव में एक महीने पहले हुए मामूली ज़मीनी विवाद में घायल हुए 35 वर्षीय किसान गुरजंट सिंह की इलाज के दौरान मौत हो गई है। किसान की मौत के बाद उसके परिजनों ने पुलिस की प्रारंभिक कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठाए हैं और आरोप लगाया है कि सफीदों पुलिस स्टेशन ने उस समय आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की, जिसके कारण वे जमानत पर बाहर आ गए। परिवार अब आरोपियों के खिलाफ हत्या (IPC 302) का मामला दर्ज करने और उन्हें तुरंत गिरफ्तार करने की मांग कर रहा है।
एक महीने पहले हुआ था हमला
परिजनों के अनुसार, यह घटना पिछले महीने की 13 तारीख की है। गुरजंट सिंह अपने खेत में जा रहा था, तभी खेत की मेड़ (डोल) को लेकर पड़ोस के कुछ लोगों से उसका विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ गया कि उन लोगों ने गुरजंट सिंह पर लाठी-डंडों, गंडासों और अन्य हथियारों से हमला कर दिया। हमले में गुरजंट सिंह को गंभीर अंदरूनी चोटें आईं।
हमले के बाद किसान को पहले सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। परिवार का कहना है कि डॉक्टर ने कुछ दिन बाद उन्हें घर भेज दिया, लेकिन गुरजंट सिंह को अंदरूनी चोटों के कारण लगातार असहनीय दर्द हो रहा था। बीते दो दिन से उनकी हालत गंभीर हो गई, और परसों रात भी उन्हें अस्पताल ले जाया गया था। शुक्रवार सुबह अचानक उनकी तबीयत ज्यादा खराब हुई और शहर लाते समय उनकी मौत हो गई। किसान अपने पीछे 10-11 साल का एक बच्चा छोड़ गए हैं।
परिजनों का पुलिस पर गंभीर आरोप
मृतक किसान के भाई और अन्य परिजनों ने आरोप लगाया कि जब पहली बार यह घटना हुई थी, तब सफीदों थाना पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ सही धाराएं नहीं लगाईं। परिजनों के मुताबिक, पुलिस ने हल्के मामले दर्ज किए, जिसके कारण आरोपी तुरंत जमानत पर बाहर आ गए। उनका कहना है कि आरोपियों ने खुलेआम धमकी दी थी कि उनके पास पैसा है और वे पुलिस या कोर्ट से कोई कार्रवाई नहीं होने देंगे।
परिजनों ने मांग की है कि इस मामले में तत्काल हत्या की धारा (302) जोड़ी जाए, एसएचओ के खिलाफ कार्रवाई हो, और सभी आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए। परिवार का आरोप है कि पुलिस हार्ट अटैक की बात कहकर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश कर रही है।
पुलिस का पक्ष और आश्वासन
यह मामला सामने आने के बाद परिजन पहले किसान का अंतिम संस्कार करने को तैयार नहीं थे और सड़क जाम करने की धमकी दे रहे थे। हालांकि, डीएसपी स्तर के अधिकारी ने हस्तक्षेप किया और परिवार को आश्वासन दिया कि मामले की गंभीरता को समझते हुए उचित कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि 13 तारीख को हुए झगड़े के संबंध में पहले ही केस दर्ज कर लिया गया था। उन्होंने स्वीकार किया कि पिछली धाराओं के तहत आरोपी ज़मानती अपराध के कारण शामिल जांच होकर बाहर चले गए थे। अधिकारी ने यह भी बताया कि अस्पताल की पिछली रिपोर्टों में डॉक्टरों ने ऐसी कोई गंभीर चोट नहीं बताई थी जिसके कारण मौत हो सके।
अधिकारी ने कहा कि किसान की मौत अचानक तबीयत खराब होने और हृदयघात (Cardiac Arrest) के कारण होने की आशंका जताई गई है। हालांकि, अब मौत के सही कारणों का पता लगाने के लिए शव का बोर्ड द्वारा वीडियोग्राफी के साथ पोस्टमार्टम कराया गया है। पुलिस ने कहा कि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद उसमें बताई गई चोटों और मौत के कारण के आधार पर आगे की आवश्यक कानूनी धाराएं जोड़ी जाएंगी और निष्पक्ष कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस के आश्वासन के बाद, परिवार के लोग शव लेकर अपने गांव मलिकपुर के लिए रवाना हो गए, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट निर्णायक होगी, जिसके आधार पर इस मामले में हत्या की धाराएं जोड़ी जाएंगी या नहीं, यह तय होगा।