करनाल के हवाई अड्डे पर मुख्यमंत्री नायब सैनी का काफिला पहुंचने के साथ ही प्रशासनिक गतिविधि तेज हो गई। जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री गुड़गांव से हेलीकॉप्टर के माध्यम से करनाल एयरपोर्ट पहुंचे। सुरक्षा के मद्देनज़र एयरपोर्ट पर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की तैनाती की गई थी। करनाल के एसपी, डिप्टी कमिश्नर सहित स्थानीय प्रशासन के अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। वहीं, करनाल से विधायक जगमोहन आनंद और मेयर रेनू बाला गुप्ता भी मुख्यमंत्री के स्वागत के लिए पहुंचे।
विधायक जगमोहन आनंद ने बताया कि मुख्यमंत्री का करनाल में कोई औपचारिक कार्यक्रम निर्धारित नहीं था। उन्होंने कहा कि सूर्यास्त के बाद हेलीकॉप्टर मूवमेंट पर पाबंदी रहती है, इसी कारण हेलीकॉप्टर करनाल में उतरा और यहां से मुख्यमंत्री नायब सैनी सड़क मार्ग से चंडीगढ़ के लिए रवाना हुए। विधायक ने स्पष्ट किया कि यह रूटीन प्रॉसेस के तहत हुआ ट्रांजिट है और इसे किसी बड़े कार्यक्रम से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।
बीजेपी ऑफिस और पेड़ कटाई के मामले में आए सुप्रीम कोर्ट के ताजा आदेशों पर पूछे गए सवाल पर विधायक ने कहा कि उन्हें मामले की पूरी जानकारी नहीं है, इसलिए वे इस पर टिप्पणी नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि अगर माननीय सुप्रीम कोर्ट ने कोई आदेश दिया है तो वह कानून का विषय है और उसी के अनुसार आगे की प्रक्रिया होगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि बिना पुख्ता जानकारी के किसी निर्णय को सही या गलत कहना उचित नहीं होगा।
इसके बाद जिला अध्यक्ष प्रवीण लाठ ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि केस फिलहाल अदालत में विचाराधीन है, इसलिए विस्तृत टिप्पणी करना उचित नहीं है। उनका कहना था कि पार्टी ने प्रशासन को नियमों के अनुसार पैसे देकर जमीन ली है, यदि आगे कोई तकनीकी या अन्य अड़चन सामने आती है तो उसे कानूनन तरीके से देखा जाएगा। पेड़ कटाई के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह हुडा/डिपार्टमेंट का विषय है, और यदि पेड़ काटे भी गए होंगे तो संबंधित विभाग ने ही प्रक्रिया अपनाई होगी, इस पर अंतिम निर्णय अदालत और प्रशासन ही करेंगे।
विपक्ष द्वारा पेड़ कटाई और बीजेपी ऑफिस को लेकर किए जा रहे विरोध व राजनीति पर प्रवीण लाठ का कहना था कि विपक्ष के पास ठोस मुद्दों की कमी है, इसलिए वे हर विषय को राजनीतिक रंग देने की कोशिश करते हैं। कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों पर उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी बड़े स्तर पर पौधारोपण अभियान चला रही है, “मां के नाम एक पेड़” जैसे अभियान निरंतर चल रहे हैं और हजारों पेड़ लगाए जा रहे हैं, इसलिए पर्यावरण संरक्षण की चिंता को लेकर बीजेपी की नीयत पर सवाल उठाना सही नहीं है।
कांग्रेस की 14 दिसंबर को दिल्ली में प्रस्तावित रैली पर भी प्रतिक्रिया दी गई। प्रवीण लाठ ने कहा कि विपक्ष का काम है कि वह सत्ता पक्ष के खिलाफ रैलियां करे, लेकिन इतिहास गवाह है कि उनकी कई रैलियों में आंतरिक कलह और कुर्सी की मारपीट जैसी घटनाएं देखने को मिली हैं। उन्होंने तंज करते हुए कहा कि देखना होगा कि इस रैली में बीजेपी के खिलाफ नारे ज्यादा लगते हैं या अपने ही नेताओं के खिलाफ भीतरघात दिखाई देता है।
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस बार-बार चुनाव प्रणाली और “वोट चोरी” जैसे आरोपों को हवा देने की कोशिश करती है, लेकिन जब संसद में चुनाव सुधार पर चर्चा शुरू होती है और जवाब देने की बारी सत्ता पक्ष की आती है, तो विपक्ष वॉकआउट कर जाता है। उनके अनुसार, यह रवैया बताता है कि विपक्ष प्रश्न तो उठाना चाहता है, लेकिन जवाब सुनने का धैर्य नहीं रखता।
स्थानीय स्तर पर, करनाल एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री का दौरा भले ही केवल ट्रांजिट विज़िट के रूप में रहा हो, लेकिन बीजेपी नेताओं ने इसे संगठनात्मक स्तर पर शक्ति प्रदर्शन और नेतृत्व से सीधे संवाद का अवसर माना। जिला अध्यक्ष और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने इसे इस रूप में भी देखा कि मुख्यमंत्री का करनाल से गुज़रना, जिले के लिए राजनीतिक व प्रशासनिक दृष्टि से सकारात्मक संकेत है।