तस्वीरों में देखा जा सकता है कि कैसे सड़क हादसे में जान गंवाने वाले भोपाल के घर पर मातम पसरा है और उनके भाई-बहन गम में बिलखते नजर आ रहे हैं। जानकारी के अनुसार सुबह करीब पांच बजे एक दर्दनाक सड़क दुर्घटना में भोपाल की मौत हो गई, जबकि घर पर उनके चार छोटे-छोटे बच्चे अपने पिता के लौटने का इंतज़ार कर रहे थे।
परिजनों के अनुसार भोपाल रोज़ाना की तरह सुबह अपने काम के सिलसिले में घर से निकले थे, लेकिन कुछ ही देर बाद हादसे की सूचना परिवार तक पहुंची। घटना की खबर मिलते ही गांव और आसपास के लोगों में शोक की लहर दौड़ गई और बड़ी संख्या में लोग पीड़ित परिवार के घर पर ढाढ़स बंधाने पहुंचने लगे।
वीडियो में दिखाया गया कि भोपाल के भाई-बहन फूट-फूटकर रो रहे हैं और बार-बार यही कह रहे हैं कि उनके छोटे भतीजे-भतीजियों के सिर से पिता का साया उठ गया। चारों बच्चों की उम्र बेहद कम बताई जा रही है, जिनमें से कोई स्कूल जाने की उम्र का है तो कोई अभी गोद में रहने वाला मासूम है, जो अपने पिता को पुकारता हुआ दिखाई दे रहा है।
परिवार के सदस्यों ने बताया कि भोपाल मेहनती और जिम्मेदार स्वभाव के व्यक्ति थे, जो अपने छोटे परिवार का गुजारा बड़ी मुश्किल से चला रहे थे। वे अपने बच्चों की पढ़ाई और बेहतर भविष्य के लिए दिन-रात मेहनत करते थे, लेकिन अचानक हुए इस हादसे ने पूरे परिवार की ज़िंदगी ही बदल कर रख दी।
स्थानीय लोगों का मानना है कि हाईवे और मुख्य सड़कों पर तेज रफ्तार व लापरवाही से गाड़ी चलाने के कारण लगातार हादसे बढ़ रहे हैं, जिनकी सबसे बड़ी मार गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों पर पड़ती है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि हादसे वाले क्षेत्रों में सख्त निगरानी, स्पीड कंट्रोल, चेतावनी बोर्ड और ट्रैफिक नियमों के कड़ाई से पालन की व्यवस्था की जाए, ताकि भविष्य में किसी और परिवार को ऐसी पीड़ा न झेलनी पड़े।
भोपाल की मौत के बाद अब परिवार के सामने बच्चों की परवरिश, पढ़ाई और रोज़मर्रा के खर्चों की चुनौती खड़ी हो गई है। सामाजिक संस्थाओं और सामर्थ्यवान लोगों से अपील की जा रही है कि वे आगे बढ़कर इस परिवार की मदद करें, ताकि चार मासूमों का भविष्य अंधेरे में न चला जाए।