December 9, 2025
9 Dec 7

हरियाणा में कथित वोट चोरी के मुद्दे को लेकर निकाले गए यूथ कांग्रेस के प्रदेश स्तरीय आंदोलन के तहत कार्यकर्ता मुख्यमंत्री आवास के बाहर घेराव के लिए पहुंचे। सीएम आवास की ओर बढ़ती भीड़ को रोकने के लिए रास्ते में बैरिकेड लगाए गए, जिनको हटाने और तोड़ने का प्रयास करते हुए कार्यकर्ता आगे बढ़ने की कोशिश करते नजर आए।

जैसे ही कांग्रेस कार्यकर्ता नारेबाज़ी करते हुए बैरिकेड के नजदीक पहुंचे और उसे पार करने की कोशिश की, पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पानी की बौछारें छोड़ीं। वाटर कैनन से छोड़ी गई तेज़ धारों के बीच भी युवा कार्यकर्ता झंडे थामे आगे बढ़ने का प्रयास करते रहे और “वोट चोर गद्दी छोड़” जैसे नारे लगाते हुए विरोध जारी रखा।

घटनास्थल पर यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की मौजूदगी के बीच कार्यकर्ताओं में जोश और गुस्सा दोनों देखने को मिला, और कई बार पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का-मुक्की की स्थिति बनी। भीगी सड़कों, उड़ते झंडों और टूटे-बिखरे बैरिकेड के बीच कार्यकर्ताओं ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों को दबाने की कोशिश करार देते हुए आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया।

कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि वोट चोरी के मुद्दे को उठाने और सीएम आवास तक अपनी आवाज पहुंचाने से रोकने के लिए सरकार ने अतिरिक्‍त बल प्रयोग का सहारा लिया। उनका कहना था कि युवा कार्यकर्ता शांतिपूर्ण तरीके से घेराव के लिए गए थे, लेकिन वाटर कैनन चलाकर उन्हें डराने और हटाने की कोशिश की गई, जिससे कई कार्यकर्ता गिर पड़े और घायल भी हुए।

पुलिस बल ने सुरक्षा घेरा मजबूत रखते हुए सीएम आवास के मुख्य हिस्से की ओर बढ़ने से कार्यकर्ताओं को रोकने की लगातार कोशिश की। वाटर कैनन, बैरिकेड, रस्सी और सुरक्षा रिंग के बीच प्रशासन ने पूरे क्षेत्र को घेराबंद कर दिया, जबकि दूसरी ओर कांग्रेस कार्यकर्ता “लोकतंत्र बचाओ” और “युवा जागो” जैसे नारे लगाते रहे।

नेताओं ने मंच और सड़क दोनों से यह संदेश दिया कि वोट चोरी के खिलाफ यह लड़ाई आगे भी जारी रहेगी और बूथ स्तर तक इस मुद्दे को लेकर जाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पानी की बौछारें और बैरिकेड आंदोलन को नहीं रोक पाएंगे, बल्कि इससे युवाओं के भीतर और ऊर्जा आएगी और वे लोकतांत्रिक तरीके से अपनी आवाज अधिक मजबूती से उठाएंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.