December 8, 2025
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हरियाणा के हिसार जिले के धीरनवास गांव में संत रामपाल जी महाराज के सम्मान में भव्य किसान मसीहा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में हजारों की संख्या में संगत, श्रद्धालु और विभिन्न क्षेत्रों से आए समर्थक पंडाल के अंदर व बाहर मौजूद रहे।​

समारोह में करीब 85 गांवों के सरपंच और 12 खाप पंचायतो के प्रतिनिधि शामिल हुए, जिन्होंने संयुक्त रूप से संत रामपाल जी महाराज को किसान मसीहा के रूप में सम्मानित किया। आयोजन स्थल पर प्रबंधन और भीड़ को देखते हुए इसे बड़े नेताओं के कार्यक्रमों से भी अधिक सुसंगठित बताया गया।​

बाढ़ पीड़ितों के लिए कार्य

वक्ताओं ने बताया कि हाल के दिनों में हरियाणा, पंजाब और अन्य राज्यों में आई बाढ़ के दौरान संत रामपाल जी महाराज और उनकी संगत ने किसानों और बाढ़ पीड़ितों की बड़ी स्तर पर सहायता की। उन्होंने बताया कि सैकड़ों गांवों में करोड़ों रुपये की मोटरें और लाखों फुट पाइप भेजकर जलभराव से किसानों को राहत दिलाने का कार्य किया गया।​

इसके साथ ही ‘अन्नपूर्णा मुहिम’ के माध्यम से जरूरतमंदों को भोजन व अन्य सहायता पहुंचाई गई, जिसे किसानों और ग्रामीणों ने मानवता की बड़ी सेवा बताया। कई वक्ताओं ने संत रामपाल जी को गरीब, दबे-कुचले और किसानों के लिए मसीहा व भगवान के रूप में कार्य करने वाला बताया।​

सम्मान और संबोधन

समारोह के दौरान खाप प्रतिनिधियों व सरपंचों ने संत रामपाल जी महाराज को पगड़ी पहनाकर, ट्रॉफी भेंट कर और विभिन्न पारंपरिक तरीकों से उनका सम्मान किया। सरपंच एसोसिएशन हिसार के प्रतिनिधि और अन्य पदाधिकारियों ने मंच से उनके कार्यों की प्रशंसा करते हुए उन्हें किसान मसीहा के रूप में संबोधित किया।​

कई वक्ताओं ने कहा कि यदि देश के संत और बड़े व्यक्तित्व इसी तरह किसानों और मजदूरों के लिए काम करें, तो कोई किसान भूखा या बेसहारा नहीं रहेगा। कार्यक्रम में मेवात सहित विभिन्न इलाकों से आए लोगों ने भी बाढ़ के समय मिली मदद, मोटर-पाइप उपलब्ध कराने और गरीब परिवारों के लिए मकान निर्माण जैसे कार्यों के लिए संत रामपाल जी का धन्यवाद किया।​

संगत और स्थानीय प्रतिनिधियों की प्रतिक्रियाएं

धीरनवास की सरपंच ने कहा कि इतने बड़े स्तर का समारोह पहली बार देखा है और गांव की प्रतिनिधि होने के नाते वे स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रही हैं। उन्होंने संत रामपाल जी को मानवता का रक्षक बताते हुए किसानों पर उनकी दया दृष्टि बने रहने की कामना की, ताकि अन्नदाता खुशहाल जीवन जी सकें।​

हिसार और आसपास के क्षेत्रों से आई महिलाओं और युवाओं ने भी कहा कि सरकार की ओर से बाढ़ पीड़ित किसानों के लिए ठोस कदम न उठाए जाने की स्थिति में संत रामपाल जी ने आगे बढ़कर मदद की। मेवात क्षेत्र से पहुंचे लोगों ने बताया कि वहां भी पानी और अन्य सहायता पहुंचाई गई, जिससे स्थानीय मजदूरों और किसानों को बड़ा लाभ मिला।​

सांस्कृतिक कार्यक्रम

समारोह में संत रामपाल जी महाराज के सम्मान में भजन व सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी गईं। दिल्ली से पहुंचे कलाकारों ने मंच पर भजन गाए और कहा कि कार्यक्रम में शामिल होकर उन्हें संत रामपाल जी द्वारा समाज के लिए किए गए कार्यों को नज़दीक से जानने और समझने का अवसर मिला।​

मंच से बार-बार संगत से किसान और संत रामपाल जी महाराज के सम्मान में जयकारे लगवाए गए, जिनमें पूरे पंडाल की सहभागिता देखने को मिली। आयोजकों ने अंत में सभी संगत और खाप प्रतिनिधियों का धन्यवाद करते हुए इस सम्मान समारोह को ऐतिहासिक बताया।

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