करनाल के आनंद विहार पार्ट-2 में घर से सटी गरीब महिला की किराने की दुकान में देर रात लगी आग ने पूरे परिवार की आजीविका छीन ली। रात लगभग 1 बजे दुकान के अंदर से चिंगारी और आग की लपटें उठती देखीं गईं और कुछ ही देर में पूरी दुकान आग की चपेट में आकर पूरी तरह जलकर राख हो गई।
दुकान चलाने वाली उषा देवी के अनुसार, वे 2013 से इस किराने और जनरल स्टोर की दुकान के माध्यम से परिवार का गुजारा कर रही थीं, जबकि उनके पति छोले-कुलचे की रेहड़ी लगाकर मेहनत मजदूरी करते हैं। दुकान में रोजमर्रा का सामान, सब्जियां, कपड़े, अंडरगार्मेंट्स, बच्चों के कपड़े, मनिहारी व अन्य सामान सजा कर रखा हुआ था, जो देखते ही देखते जलकर पूरी तरह नष्ट हो गया।
परिवार का कहना है कि दुकान में रखे राशन और जनरल आइटम्स सहित कुल सामान की अनुमानित कीमत लगभग 3 से 4 लाख रुपये थी। दीवारों और फर्श पर जमी मोटी राख, जले हुए आलू-प्याज, सब्जियां, फर्नीचर, काउंटर, गोदरेज, कपड़े और अन्य सामग्री आग की तीव्रता का साफ संकेत दे रहे हैं।
उषा देवी ने बताया कि गल्ले में रखी लगभग 40–50 हजार रुपये के आसपास नगद राशि भी शटर के अंदर ही रखी हुई थी, जो आग में पूरी तरह जलकर राख हो गई। इसके अलावा, करीब 60 हजार रुपये के सूट और कपड़े, फ्रिज, फर्नीचर और मनिहारी सामान भी जलकर नष्ट हो गया, जिससे उनके पास कमाई का कोई साधन नहीं बचा।
रात के समय एक किरायेदार ने वॉशरूम के लिए बाहर निकलते हुए दुकान से धुआं और आग की लपटें उठती देखीं और तुरंत फोन कर परिवार को सूचना दी। सूचना मिलते ही परिवार और आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और फायर ब्रिगेड व पुलिस को सूचना दी, लेकिन जब तक दमकल की गाड़ी और पुलिस पहुंची, तब तक आग पूरी दुकान और सामान को स्वाह कर चुकी थी।
उषा देवी ने रोते हुए कहा कि वे और उनके पति दिन-रात मेहनत करके बच्चों की पढ़ाई और घरखर्च चलाते थे और कभी किसी से झगड़ा या विवाद नहीं किया। अब दुकान जल जाने के बाद बच्चों की स्कूल और कॉलेज फीस, रोजमर्रा के खर्च और घर चलाने की चिंता ने उन्हें टूटने पर मजबूर कर दिया है। उन्होंने प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से मदद की गुहार लगाई है।
परिवार मूल रूप से बिहार के बेगूसराय का रहने वाला है और कई सालों से करनाल में रहकर मेहनत से अपना जीवन यापन कर रहा है। उषा देवी और उनके पति का कहना है कि यदि प्रशासन और समाज से सहयोग न मिला तो वे बच्चों की पढ़ाई और परिवार का खर्च संभालने में असमर्थ हो जाएंगे, क्योंकि सारी जमा-पूंजी और सामान इसी दुकान में लगा हुआ था।
मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि आग लगने का कारण संभवतः शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है, जो रात करीब 1 बजे के आसपास हुआ। आग इतनी तेज थी कि शटर, दीवारें, फर्श, सब्जियां, कपड़े, फ्रिज और अन्य सभी सामान जलकर राख हो गए और दुकान के अंदर केवल जले हुए अवशेष और काला धुआं ही बचा।
स्थानीय लोगों और संवाददाता ने अपील की कि प्रशासन इस गरीब परिवार की ओर विशेष ध्यान दे और यथासंभव आर्थिक मदद व पुनर्वास में सहयोग करे, ताकि उनका परिवार दोबारा खड़ा हो सके। साथ ही लोगों को यह संदेश भी दिया गया कि अपने घरों, दुकानों और कार्यस्थलों की इलेक्ट्रिकल वायरिंग और कनेक्शन समय-समय पर अवश्य चेक करवाएं, क्योंकि एक छोटी सी लापरवाही बड़े हादसे का कारण बन सकती है।
आग की लपटें कितनी भीषण थीं और पूरी दुकान किस तरह कुछ ही पलों में धधकती आग में बदल गई। दमकल की गाड़ी और पुलिस मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाने में सफल तो हो गई, लेकिन तब तक दुकान, नकदी और सामान पूरी तरह नष्ट हो चुका था, जिससे परिवार आर्थिक रूप से पूरी तरह टूट चुका है।